ए खुदा……. बस यही गुजारिश है तुम से, धन बरसे या न बरसे पर, रोटी या प्यार को कोई न तरसे. अस्सलाम वालेकुम... हर किसी के लिए दुआ किया करो, क्या पता किसी की किस्मत, तुम्हारी दुआ का इंतज़ार कर रही हो. जुम्मा मुबारक. सारी तारीफ़ें ऊस खुदा के लिए है, जो बोलने वाले का कलाम को सुनता है, खामूश रहने वाले के दिल की बात जनता है. काश उन को भी याद आऊं में जुम्मा की दुआओं में, जो अक्सर मुझसे कहते है दुआओं में याद रखना. जो किस्मत में न हो, वो रोने से नहीं मिलता, मगर दुआ से मिल जाता है. दिलों के झूकने से होते है आबाद घर खुदा के, सिर्फ सजदों से नहीं सजती वीरान मस्जोदें कभी. या अल्लह आज जुमा की नमाज़ के बाद जितने भी, हाथ तेरी बारगाह में दुआ के लिये उठे है, सब की दुवा कुबूल फरमा. जबरन राज़ी होने लगता है तो, बंदे को अपने ऐबों का पता चलना शुरू हो जाता है, और ये इसकी रहमत की पहेली निशानी है. चार चीजों को खूब संभाल के रखो. नमाज़ में दिल को, तन्हाई में सोच को, महफ़िल में जुबां को, रास्ते में निघा को. क्या आपने देखा दुनिया का सबसे महंगा हैडफ़ोन थियेटर में फिल्म देखने के दौरान हुआ कुछ ऐसा की भागने लगे लोग पेड़ों को भी प्राप्त होता है चरम सुख, जानिए कैसे