रांची। रविवार को गुजरात के अहमदाबाद में झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति भगवती प्रसाद का निधन हो गया। वे 68 वर्ष के थे। उन्हें लो ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद, शनिवार को चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था, मगर उपचार के दौरान, उन्होंने रविवार को अंतिम सांस ली। भगवती प्रसाद ने वर्ष 1972 में उच्च न्यायालय में वकालत प्रारंभ की थी। उन्होंने, जोधपुर विश्वविद्यालय से एलएलएम की उपाधि प्राप्त की थी। जिसके बाद वे वहीं, पर कानून के शिक्षक बन गए। इसके बाद वे वर्ष 1996 में राजस्थान उच्च न्यायालय में जज नियुक्त हुए। बाद में उनकी पोस्टिंग गुजरात में हो गई। इसके बाद अगस्त 2010 में वे झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए। उन्होंने फंडामेंटलिज़्म लाॅ एंड नेशनल इंटीग्रेशन, ए स्टडी विद स्पेशल रेफरेंस टू इंडिया पर थीसिस लिखी थी। उन्हें गुजरात राज्य मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वे हनुमानगढ़ के निवासी थे। उन्हें रांची पोलिटेक्निक काॅलेज की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाने के लिए, निर्णय देने, कांटाटोली बस स्टैंड को सुव्यवस्थित करवाने के लिए, जाना जाता है। हालांकि भगवती प्रसाद 12 मई,2011 को रिटायर हो गये थे। उनके निधन से, न्यायालयीन कार्यों में लगे लोग और, कई लोग गमगीन हो उठे। सभी उनके परिजन से मिलने पहुंचे और अपनी संवेदनाऐं व्यक्त कीं। शशिकला के पति नटराजन पर हाईकोर्ट ने दिया फैसला नोट पर 'महात्मा' शब्द को इस्तेमाल न करने की याचिका ख़ारिज जबरन 'धर्म परिवर्तन की पीड़िता ने तलाक माँगा शीघ्र करे आवेदन, इलाहबाद high court में नौकरी का शानदार अवसर