नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च न्यायलय सुप्रीम कोर्ट के 68 साल के इतिहास में अब तक सिर्फ सात महिलाएं ही जज बन पाई है। लेकिन इस कड़ी में अब एक और नाम जुड़ गया है। दरअसल जस्टिस इंदिरा बनर्जी भारत की शीर्ष अदालत में न्यायाधीश बन चुकी है। इंदिरा इस मुकाम पर पहुचने वाली आठवी महिला है। उनसे पहले फातिमा बीवी, सुजाता वी. मनोहर, रूमा पाल, ज्ञान सुधा मिश्रा, राजन प्रकाश देशाई, आर.भानुमति और इंदु मल्होत्रा भी सुप्रीम कोर्ट में जज के पद पर रह चुकी हैं। शुक्रवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया था, 'भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग में, राष्ट्रपति मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश कुमारी न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हुए खुश हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में नियुक्त किया जाता है, जिस तारिख से वो अपना कार्यभार संभालती हैं।'बता दें कि इंदिरा बनर्जी इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय की चीफ जस्टिस भी रह चुकी है। उन्होंने यह पद 5 अप्रैल, 2017 को ग्रहण किया था। उन्होंने जस्टिस संजय किशन कौल की जगह ली थी, जिन्होंने उस समय शीर्ष कोर्ट में जज का पदभार संभाला था। इसके अलावा शुक्रवार को एक और रिकॉर्ड बना है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब इसमें एक ही समय पे तीन महिलाएं जज रहेंगीं। इनमे इंदिरा मुखर्जी के साथ-साथ जस्टिस इंदु मल्होत्रा और आर. भारती शामिल है। आपको बता दें कि इंदु मल्होत्रा ऐसी पहली महिला जज है जिन्हें बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया है। ख़बरें और भी शीर्ष अदालत से बोले अटॉर्नी जनरल, पिछले 1000 सालों से प्रताड़ना झेल रहा SC-ST वर्ग सुप्रीम कोर्ट : IPC की धारा 497 असंवैधानिक, महिलाओं के लिए भेदभावपूर्ण मुजफ्फरपुर रेप केस : सुप्रीम कोर्ट की मीडिया को फटकार, केंद्र और राज्य सरकार को थमाया नोटिस