सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर मंगलवार को एक आदेश जारी किया. यह आदेश देर शाम जारी किया गया. इस आदेश में कहा गया कि जस्टिस बीएच लोया की मौत से जुड़ी याचिकाओं को सही बेंच के सामने रखा जाए. इससे यह जाहिर होता है कि जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले के लिए सही बेंच नहीं है. कोर्ट के आदेश से यह इशारा हो रहा है की अब जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच इस मामले पर सुनवाई नहीं करेगी. इस मामले के लिए नई बेंच का गठन किया जाएगा. हर बार तो यह होता है की जब किसी आदेश में मामले को सही बेंच के सामने रखा जाए होता है तो मामला पहले मुख्या न्यायाधीश की बेंच के सामने पेश किया जाता है. इसके बाद वह मामले को दूसरी बेंच की और भेज देतें है. इस आदेश का मतलब यहां निकला जा सकता है कि जस्टिस लाया की मृत्यु की जांच की मांग करने वाली याचिकाएं किसी अन्य बेंच पर जाने वाली है. जस्टिस लोया की मौत साल 2014 में कार्डिएक अरेस्ट में हो गई थी. इसी दौरान वह राजनैतिक तौर से सोहराबुद्दीन शैख़ एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे. 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई थी जिसमे जस्टिस लोया की मौत के मामले उठाया गया. इसके बाद खबर सामने आई थी कि सुनावई कर रहे जस्टिस अरुण मिश्रा इस मामले के अचानक से उठाये जाने पर चिंतित हो गए. प्रेस कॉन्फ्रेंस में चारों जजों ने न्यायधीश दीपक मिश्रा के काम करने के तरीके से और केस के बंटवारे पर संतुष्ट नहीं थे. जस्टिस मिश्रा की बेंच इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए टाल दी गई है. अगली तारीख जल्द ही तय होगी. SRPF जवान ने अपने ही 3 दोस्तों को उतारा मौत के घाट जर्मनी में स्कूली बस हुई दुर्घटना का शिकार, 47 लोग जख्मी आज गुजरात दौरे रहेंगे पीएम मोदी-नेतन्याहू