टोरंटो: कनाडा के आम चुनाव में पीएम जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी ने अपनी जीत हासिल कर ली है, लेकिन ज्यादातर सीटों पर बड़ी जीत की उनकी मंशा पूरी नहीं हो सकी. लिबरल पार्टी 148 सीट पर आगे है जबकि कंजरवेटिव पार्टी 103 सीटों पर ही बनी हुई है, ब्लॉक क्यूबेकोइस 28 और वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी 22 सीटों से आगे निकल चुकी है. फिलहाल ऐसा प्रतीत नहीं होता कि ट्रूडो पर्याप्त सीटें जीत पाएंगे और अन्य पार्टियों के सहयोग के बिना किसी कानून को पारित करा पाएंगे. पीएम जस्टिन ट्रू़डो की टक्कर कंजरवेटिव पार्टी के नेता एरिन ओ’टूले के साथ हुई. चुनाव प्रचार के बीच ट्रूडो ने दावा किया था कि कनाडा के लोग महामारी के बीच कंजरवेटिव पार्टी की सरकार को पसंद नहीं करते है. कनाडा वर्तमान में विश्व के उन देशों में शामिल है, जिसके अधिकतर नागरिकों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है. जिसके साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि अगर विपक्षी पार्टी जीत दर्ज करती है, तो कोविड संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई कमजोर हो जाएगी. बहुमत के लिए कितने वोट जरूरी?: जहां इस बात का पता चला है कि कनाडा चुनाव में जीत प्राप्त करने के लिए किसी भी पार्टी को 38 प्रतिशत वोट्स की आवश्यकता होती है. ताकि संसद में बहुमत प्राप्त हो सके. इससे पहले जब वर्ष 2019 में चुनाव हुए थे, तब भी ट्रूडो की पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हो पाए थे. जिसके चलते कानून पारित करने के लिए अन्य दलों के समर्थन पर निर्भर हो पड़ गया था. देश में 338 सीटों के लिए वोट डाले गए हैं. किसी भी पार्टी को बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 170 सीटों पर जीत दर्ज करने की आवश्यकता होती है. चुनाव के बड़े मुद्दों में कोविड संक्रमण को लेकर किए गए काम, महंगाई और इंटरनेशनल मंच पर कनाडा का रुख़ जैसे मुद्दे शामिल हैं. चुनाव सर्वेक्षणों में ट्रूडो की लिबरल पार्टी और प्रतिद्वंद्वी कंजरवेटिव पार्टी के बीच कांटे की टक्कर बतायी गयी है. अब कौन चलाएगा 'प्राइम टाइम' ? रविश कुमार ने NDTV से दिया इस्तीफा आखिर भारत की 'कोरोना वैक्सीन' को मान्यता क्यों नहीं दे रहा ब्रिटेन ? ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2021: भारत की रैंकिंग में जबरदस्त सुधार, मोदी 'राज' में हुई शानदार तरक्की