इंदौर: महात्मा ज्योतिबा फुले भारत के महान समाज सुधारक थे. ज्योतिबा फुले 11 अप्रैल 1827 को सतारा महाराष्ट्र में जन्में थे. उनका परिवार बेहद गरीब था और जीवन-यापन के लिए बाग़-बगीचों में माली का काम करता था. ज्योतिबा जब मात्र एक वर्ष के थे तभी उनकी माता का निधन हो गया था. ज्योतिबा का लालन-पालन सगुनाबाई नामक एक दाई ने किया. ज्योतिबा मैट्रिक पास थे और उनके घर वाले चाहते थे कि वो अच्छे वेतन पर सरकारी कर्मचारी बन जाए लेकिन ज्योतिबा ने अपना सारा जीवन दलितों की सेवा में बिताने का निश्चय किया था. महात्मा ज्योतिबा फुले भारत के महान समाज सुधारक थे जिन्होंने ना केवल माली समाज या दलित समाज बल्कि पुरे भारत में समाज सुधार का कार्य किया था. मानवता की भलाई के लिए किये गए ज्योतिबा के इन निश्वार्थ कार्यों के कारण May 1988 में उस समय के एक और महान समाज सुधारक “राव बहादुर विट्ठलराव कृष्णाजी वान्देकर” ने उन्हें “महात्मा” की उपाधी प्रदान की . July 1988 में उन्हें लकवे का Attack आ गया जिसकी वजह से उनका शरीर कमजोर होता जा रहा था लेकिन उनका जोश और मन कभी कमजोर नही हुआ था. 28 नवम्बर 1890 को ज्योतिबा फुले ने देह त्याग दिया और एक महान समाजसेवी इस दुनिया से विदा हो गया. पहली बार जा रहे वैष्णों देवी, तो इन बातों का जान लेना बहुत जरूरी है श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित करने से पहले ये सावधानी बरतना बहुत जरूरी है