नई दिल्ली: टाटा ग्रुप ने 68 वर्षों बाद सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया का स्वामित्व हासिल कर लिया है. नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले टाटा ग्रुप ने घाटे में चल रही एयरलाइन एयर इंडिया का अधिग्रहण कर कई वर्षों से इसकी बिक्री के लिए किए जा रही नाकाम कोशिशों पर विराम लगा दिया है. जिसके बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एयर इंडिया को लेकर एक बयान दिया है. सिंधिया ने कहा है कि, एक वाहक जिसे विगत 14 वर्षों में 85,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, वह एक दिन में करीब 20 करोड़ रुपये का घाटा कमा रहा था, उस पैसे का इस्तेमाल सामाजिक विकास के लिए किया जा सकता है. सिंधिया ने आगे कहा कि, यह एक लंबी प्रक्रिया की परिणति का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे ख़त्म होने में करीब 20 वर्ष लग गए. यह एक 69 वर्ष पुराने इतिहास को प्रदर्शित करता है जो एक एयरलाइन के राष्ट्रीयकरण द्वारा गलत कदम पर शुरू किया गया था, इसका वास्तव में प्राइवेट सेक्टर से संबंध था और अब यह प्राइवेट सेक्टर में वापस जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे पास अंतरराष्ट्रीय और घरेलू यातायात के लिए शानदार क्षमताओं वाला एक खिलाड़ी होगा – एक ऐसी पार्टी जिसके पास शायद हमारे ग्राहकों के लिए सर्वोत्तम मूल्य सुनिश्चित करने के लिए एक गेम प्लान और रणनीति होगी. इससे उद्योग में सभी हितधारकों को लाभ होगा. संयुक्त राष्ट्र ने होलोकॉस्ट के पीड़ितों को याद किया: गुटेरेस एशियाई बाजार 15 महीने के निचले स्तर पर, फेड रिजर्व ब्याज दरें बढ़ा सकता है DU के इस कॉलेज में खुला गाय संरक्षण और अनुसंधान केंद्र, छात्रों को दूध-घी भी मिलेगा