इन यादगार डायलॉग्स के जरिए हमेशा अमर रहेंगे कादर खान

पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे बॉलीवुड के दिग्गज और उम्रदराज अभिनेता कादर खान का कनाडा में निधन हो गया. कादर खान के निधन की खबर से हर कोई दुखी हैं. आपको बता दें वे एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ साथ बेहतरीन राइटर भी थे. कादर खान ने अपने करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने तो 250 से ज्यादा फिल्मों में डायलॉग भी लिखे हैं. हम आपको आज कादर खान के सबसे बेहतरीन डायलॉग्स बता रहे हैं.

मुकद्दर का सिकंदर- "सुख तो बेवफा है आता है जाता है, दुख ही अपना साथी है, अपने साथ रहता है. दुख को अपना ले तब तकदीर तेरे कदमों में होगी और तू मुकद्दर का बादशाह होगा.''

सत्ते पे सत्ता- "दारू पीता नहीं है अपुन, क्योंकि मालूम है दारू पीने से लीवर खराब हो जाता है, लीवर."

हम- ''किसी आदमी की सीरत अगर जाननी हो तो उसकी सूरत नहीं उसके पैरों की तरफ़ देखना चाहिए, उसके कपड़ों को नहीं उसके जूतों की तरफ देख लेना चाहिए."

अग्निपथ- "विजय दीनानाथ चौहान, पूरा नाम, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुहासिनी चौहान, गांव मांडवा, उम्र 36 साल 9 महीना 8 दिन और ये सोलहवां घंटा चालू है."

अंगार- ''ऐसे तोहफे देने वाला दोस्त नहीं होता है, तेरे बाप ने 40 साल मुंबई पर हुकूमत की है. इन खिलौनों के बल पर नहीं अपने दम पर.''

हिम्मतवाला- "मालिक मुझे नहीं पता था कि बंदूक लगाए आप मेरे पीछे खड़े हैं. मुझे लगा, मुझे लगा कि कोई जानवर अपने सींग से मेरे पीछे खटबल्लू बना रहा है."

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