दिल्ली: दिल्ली के नजफगढ़ से विधायक और आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व नेता कैलाश गहलोत ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में पार्टी की कार्यप्रणाली और नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए। गहलोत ने कहा कि AAP अब आम आदमी के हितों से भटक चुकी है। उन्होंने "नया बंगला" जैसे विवादों का हवाला देते हुए कहा कि ये घटनाएं पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं और इसके मूल सिद्धांतों पर संदेह खड़ा कर रही हैं। गहलोत ने दिल्ली सरकार पर केंद्र के साथ लड़ाई में समय बर्बाद करने का आरोप लगाया और कहा कि इससे दिल्ली की प्रगति प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि AAP अब केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रही है, जिससे दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं देने में कठिनाई हो रही है। इन परिस्थितियों में उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया। गहलोत ने रविवार को ही मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा दे दिया। वे गृह, प्रशासनिक सुधार, आईटी और महिला एवं बाल विकास जैसे विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। सूत्रों के अनुसार, कैलाश गहलोत सोमवार दोपहर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो सकते हैं। इस घटनाक्रम को फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गहलोत के इस्तीफे पर दिल्ली बीजेपी के सांसद हर्ष मल्होत्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गहलोत शायद अपने मंत्री पद के दौरान जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाने के कारण दबाव महसूस कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी भ्रष्टाचार के मामलों में दोषियों को सजा दिलाने की मांग करती रहेगी, चाहे वो कोई भी हो। कैलाश गहलोत के इस्तीफे और संभावित राजनीतिक पथ परिवर्तन को दिल्ली की राजनीति में बड़ा मोड़ माना जा रहा है, खासकर चुनाव से पहले। उनकी नई भूमिका और फैसले दिल्ली की सियासी रणनीति पर गहरा असर डाल सकते हैं। जवानों को लेकर CM मोहन यादव ने किया ये बड़ा ऐलान 'घुसपैठियों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर मुहैया कराएंगे', कांग्रेस के वादे पर भड़की भाजपा 8वीं की छात्रा के पेट में अचानक हुआ दर्द, चेक करवाया तो हैरत में परिजन