जयपुर: गत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष रहे कैलाश मेघवाल द्वारा 40 विधायकों को आवास आवंटित किए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस सहित अन्य दलों ने मेघवाल के इस कदम पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा है कि आवास आवंटित करने की कमान विधानसभा की आवास समिति एवं नये बनने वाले विधानसभा अध्यक्ष के हाथ में है. एनडीए में लोजपा रहेगी या नहीं, आज हो सकता है बड़ा फैसला विरोध करने वाले दलों का कहना है कि मेघवाल तो 14वीं विधानसभा के अध्यक्ष थे, जो अब भंग हो गई है. अब 15वीं विधानसभा के चुनाव संपन्न हो चुके है. वहीं मेघवाल ने कहा है कि यह मेरा अधिकार है, इसे ना तो राज्यपाल छीन सकते है और ना ही सीएम एवं अदालत रोक सकता है. मेघवाल ने तर्क दिया है कि जब तक नया अध्यक्ष नहीं बन जाता तब तक मै ही अध्यक्ष पद पर हूं. हालांकि पुराने विधायक, मेघवाल की बात से कोई सम्बन्ध नहीं रखते है. 2019 लोकसभा चुनाव: भाजपा की जीत को लेकर चिंता में संघ, लगातार कर रहा मंथन आपको बता दें कि राज्य के नये सीएम अशोक गहलोत एवं डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने 17 दिसंबर को शपथ ली है. मेघवाल ने इससे एक दिन पूर्व 16 दिसंबर को ही 40 विधायकों को आवास का आवंटन कर दिया है. इनमें सबसे अधिक 19 आवास भाजपा के विधायकों को दिए गए हैं. वहीं 14 आवास कांग्रेस के विधायकों को एवं शेष आवास का आवंटन अन्य विधायकों को किया गया है. खबरें और भी:- राहुल गाँधी से मिलने गहलोत-पायलट पहुंचे दिल्ली, मंत्रिमंडल के गठन पर होगी चर्चा मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार कमज़ोर, ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगी- भाजपा भाजपा की रथ यात्रा रोकने पर अड़ी ममता सरकार, फिर से पहुंची अदालत