करवा चौथ को सबसे बड़ी चौथ माना जाता है और शादी चाहे किसी भी महीने में हो चौथ का व्रत “करवा चौथ” से ही शुरू करते हैं. ऐसे में कई महिलाएं हैं जो इस व्रत का उद्यापन करने के बारे में सोचती हैं. तो आइए आज हम आपको बताने जा रहे हैं 'करवाचौथ' के उद्यापन की विधि. करवा चौथ व्रत की उद्यापन विधि - करवा चौथ का उद्यापन करवा चौथ के दिन ही होता है. और तेरह ऐसी महिलाओं को , जो करवा चौथ का व्रत करती हों , सुपारी देकर भोजन पर आमंन्त्रित किया जाता है. वहीं ये महिलाएं करवा चौथ का पूजन खुद के घर पर करके आपके यहाँ आकर व्रत खोलेंगी और भोजन करेंगी. इसी के साथ आप ध्यान रखे कि घर पर हलवा पूड़ी और सुविधानुसार खाना बनाइये. अब इसके बाद एक थाली में चार-चार पूड़ी तेरह जगह रखें और इन पर थोड़ा-थोड़ा हलवा रखें। इसके बाद थाली पर रोली से टीकी करके चावल लगाएं और अब हाथ में पल्लू लेकर सात बार इस थाली के चारों और घुमाएँ। इसके बाद यह पूड़ी हलवा आमन्त्रित की गई तेरह महिलाओं को भोजन से पहले दें और एक दूसरी थाली में सासु माँ के लिए भोजन रखें। इसके बाद उस पर एक बेस , सोने की लोंग , लच्छा , बिंदी , काजल , बिछिया , मेहंदी , चूड़ा आदि सुहाग के सामान रखें ,साथ में कुछ रूपये रखें। हाथ में पल्लू लेकर हाथ फेरकर इसे सासु माँ को दें, पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें. इसी के साथ अब बुलाई गई तेरह महिलाओं को भोजन कराएँ और सबसे पहले चार चार पूड़ी वाली थाली से सबको परोसें। अब इसके बाद भोजन के पश्चात् महिलाओं को रोली से टीकी करें फिर एक प्लेट में सुहाग के सामान रखकर उपहार स्वरूप दें और देवर या जेठ के लड़के को सांख्या-साखी ( साक्षी ) बनाकर उसे खाना खिलाएँ. अब इसके बाद उसे नारियल और रूपये दें और अगर तेरह महिलाओं को घर पर आमंत्रित करके भोजन कराना संभव ना हो तो उनके लिए परोसा ( एक व्यक्ति जितना खाना और चार चार पूड़ी जो निकाली थी उसमे से पूड़ी हलवा ) और सुहाग के सामान आदि उनके घर पर भिजवाया जा सकता है. इसी के साथ इस दिन भोजन में पूड़ी , हलवा के साथ छोले की सब्जी , गोभी की सब्जी , पनीर की सब्जी , मिर्ची के टपोरे आदि अपनी सुविधा के अनुसार या परिवार के रिवाज के हिसाब से बना सकते है और भोजन में लहसुन और प्याज का उपयोग ना करें इस बात का ख़ास ध्यान रखे. ऐसा करने से आपका उद्यापन सम्पूर्ण हो जाएगा. 17 अक्टूबर को है करवा चौथ, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त इस करवा चौथ पर पहने अपनी राशि के अनुसार साड़ी या लहंगा, मिलेगा अखण्ड सौभाग्य 17 अक्टूबर को है करवा चौथ, जानिए कहाँ और कब देखा जा सकेगा चांद