आप सभी को बता दें कि इस बार कालाष्टमी 26 अप्रैल को है. जी हाँ, नारद पुराण में बताया गया है कि कालाष्टमी के दिन कालभैरव और मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए और कालाष्टमी की रात काली की उपासना करने वालों को अर्ध रात्रि के बाद कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए. ऐसे में ये पूजा उसी प्रकार करनी चाहिए जैसे दुर्गा पूजा में सप्तमी तिथि को करते हैं. वहीं इस दिन पार्वती और शिव जी की कथा सुनकर जागरण करना चाहिए और इस व्रत में फलाहार ही करना चाहिए. कहते हैं कालभैरव की सवारी कुत्ता होता है इसलिए कुत्ते को भोजन करवाना इस दिन शुभ हो सकता है. तिथियां - 6 अप्रैल को नवरात्रि के साथ ही हिंदु नववर्ष की शुरूआत भी हो गई थी और कालाष्टमी हर हिंदी महीने के कृष्णपक्ष की अष्टमी को होती है. ऐसे में आज हम बताते हैं अप्रैल माह से लेकर साल के शेष महीनों में पड़ने वाली कालाष्टमी की तिथियों के बारे में. 26 अप्रैल, शुक्रवार, 26 मई, रविवार, 25 जून, मंगलवार, 24 जुलाई, बुधवार, 23 अगस्त, शुक्रवार, 21सितम्बर, शनिवार, 21 अक्टूबर, सोमवार, 19 नवम्बर, मंगलवार, इस दिन कालभैरव जयन्ती भी मनाई जायेगी। 19 दिसम्बर, बृहस्पतिवार. कालाष्टमी की पूजा के लाभ - 1. कहा जाता है कालाष्टमी पर शिव जी का पंचामृत से अभिषेक करने से दुर्घटनाओं का खतरा खत्म हो जाता है और रोग खत्म हो जाते हैं. 2. कहते हैं धन संपदा के लिए कालाष्टमी के दिन भगवान शिव को सफेद साफा पहनाना चाहिए और सफेद मिठाई का भोग लगाना चाहिए. 3. कहा जाता है इस दिन शंकर जी को 108 बिल्व पत्र, 21 धतूरे और भांग अर्पित करने से मुकदमों में जीत मिलेगी और शत्रु शांत हो जाते हैं. 4. कहा जाता है कालाष्टमी के दिन भैरवनाथ को नारियल और जलेबी का भोग लगा देना चाहिर और उसे भक्तों और गरीबों में बांट देना चाहिए इससे कार्यों में सफलता मिलती है. 5. कहा जाता है जन्मकुंडली में अगर मंगल ग्रह दोष है तो काल भैरव की पूजा से इस दोष का निवारण मिल जाता है. जबरदस्त तांत्रिक प्रयोग को भी नष्ट कर देती है हींग, करें यह छोटा सा काम मरते समय रावण ने लक्ष्मण को बताई थी ये बातें, रखेंगे ध्यान तो नहीं होगा कोई नुकसान मनुष्य की बर्बादी का कारण बनते हैं श्रीमद्भगवद्गीता में बताये उसके अंदर के ये तीन दोष