हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी (Kalashtami) का पर्व मनाया जाता है। जी दरअसल यह वह दिन है जब भगवान शिव के रौद्र रूप बाबा कालभैरव की पूजा की जाती है। आप सभी को बता दें कि काशी में बाबा कालभैरव को कोतवाल कहा जाता है। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि भूत, प्रेत, पिशाच, पूतना, कोटरा और रेवती आदि भगवान विश्वनाथ के तम गण हैं। जी हाँ और विपत्ति, रोग और मृत्यु के समस्त दूत और देवता, उनके सैनिक हैं। इसी के साथ बाबा काल भैरव इन सभी गणों के अधिनायक है। आपको बता दें कि बाबा कालभैरव को तंत्र-मंत्र का देवता माना जाता है और उनकी पूजा करने से हर तरह के कष्ट दूर होते हैं। आपको बता दें कि आषाढ़ मास का कालाष्टमी व्रत 21 जून को पड़ रहा है। ऐसे में आप कुछ उपाय करके बाबा को प्रसन्न कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में। किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए- अगर आप किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं तो कालाष्टमी के दिन भगवान कालभैरव की विशेष पूजा करें। उनके सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और श्रीकालभैरवाष्टकम् का पाठ करें। भय दूर करने के लिए- अगर आपको बहुत ज्यादा भय लगता है तो कालाष्टमी के दिन ‘आं ह्री क्रों बम् बटुकाय आपद् उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय बम् क्रों ह्रीं आं स्वाहा’ और ‘ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धाराणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं स्वाहा’ मंत्र का जाप करें। आर्थिक संकट दूर करने के लिए- आर्थिक संकट समाप्त करने के लिए बाबा कालभैरव को याद करके शमी का पेड़ लगाएं। पितृदोष निवारण के लिए- अगर आपके घर में पितृदोष लगा है तो कालाष्टमी के दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करें। जी हाँ और अगर पवित्र नदी तक न जा सकें तो घर में ही जल में गंगा जल डालकर स्नान करें। इसके बाद पितरों का तर्पण करना चाहिए, फिर बाबा कालभैरव की पूजा करें। वैवाहिक जीवन के लिए- वैवाहिक जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं तो कालाष्टमी के दिन शमी के पेड़ में जल दें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। फादर्स डे पर वास्तु के अनुसार पिता को दें खास गिफ्ट, मिलेगी सफलता 21 जून को है कालाष्टमी, इन उपायों को करते ही चमक उठेगी किस्मत शुक्रवार को इन मन्त्रों से करें माँ लक्ष्मी को प्रसन्न