कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को काली चौदस मनाते हैं। जैसे दीवाली का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं ठीक वैसे ही इस पर्व को भी मनाया जाता है। वैसे इस बार दिवाली का पर्व 14 नवम्बर को मनाया जाने वाला है और इसी दिन रूप चौदस यानी काली चौदस को भी मनाने के लिए कहा जा रहा है। काली चौदस के पर्व को प्रमाणित रूप से देखा जाए तो तंत्रशास्त्र के अनुसार महाविद्याओं में देवी कालिका सबसे ऊपर हैं। आप सभी को बता दें कि काली शब्द काल शब्द से उत्पन्न हुआ है जिसके अर्थ हैं समय, काला रंग, मृत्यु देव या मृत्यु। तंत्र के साधक महाकाली की साधना को सर्वाधिक प्रभावशाली मानते हैं। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं काली चौदस के दिन किये जाने वाले उपाय। * इस दिन अगर कोई व्यक्ति मिर्गी या पागलपन से पीड़ित हो तो रात में काली हल्दी को कटोरी में रखकर लोबान की धूप दिखाकर शुद्ध कर लें। अब एक टुकड़ें में छेद कर काले धागे में पिरोकर उसके गले में पहना दें। ध्यान रहे नियमित रूप से कटोरी की थोड़ी सी हल्दी का चूर्ण ताजे पानी से सेवन कराते रहें। ऐसा करने से बड़ा लाभ मिलेगा। * कहते हैं इस दिन काली मिर्च के पांच दाने सिर पर से 7 बार वारकर किसी सुनसान चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में एक-एक दाना फेंक दे व पांचवे बचे काली मिर्च के दाने को आसमान की तरफ फेंक दें व बिना पीछे देखे या किसी से बात घर वापिस आ जाना चाहिए क्योंकि इससे धन वृद्धि होगी। * कहते हैं अगर आपके व्यापर में गिरावट आ रही है, तो काली चौदस की रात में पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियां बांधकर 108 बार श्रीं लक्ष्मी-नारायणाय नमः का जाप कर धन रखने के स्थान पर रख दें क्योंकि इससे व्यापर में प्रगतिशीलता आ जाती है। नया विज्ञापन बनाकर फिर विवादों में छाया तनिष्क, डिलीट किया ट्वीट जम्मू कश्मीर के 44 पंचायतों में पहली बार पहुंची बिजली, लोग कर रहे मोदी सरकार की तारीफ कोरोना काल में छूटी नौकरी तो युवक ने शुरू किया चाय का बिजनेस, आज कमाता है लाखो