इन दिनों सभी जगह नवरात्रि का पवन पर्व मनाया जा रहा है ऐसे में आप सभी को बता दें कि आज नवरात्रि का सांतवा दिन हैं और आज का दिन माँ कालरात्रि के रूप में जाना जाता है. कहा जाता है कि आज माँ कालरात्रि की पूजा से सब कुछ हांसिल किया जा सकता है और माँ का रंग घने अंधकार की तरह काला है इसलिए उन्हें कालरात्रि कहा जाता है. यह भी कहते हैं कि अगर भक्त इनकी आराधना करते हैं तो यह भक्तों को निर्भय होने का वरदान देती है. आइए जानते हैं उनकी पूजन विधि. पूजन करते समय सबसे पहले नहा लें और फिर दीपक-धूप जलाकर लाल फूल, नारियल या बेसन के लड्डू, केले, लाल चुनरी चढ़ा दें इसके बाद माता को गुड़ और नारियल से बने पकवान या गुड़ की बनी रेवड़ी चढ़ाएं दें और फिर लाल तिकोना झंडा मां को अर्पित करें और अपनी घर की छत पर लगा दें. अब आइए जानते हैं कि माँ का ध्यान करने के लिए किन मन्त्रों का जाप करना है. देवी कालरात्रि का ध्यान करालवंदना धोरां मुक्तकेशी चतुर्भुजाम्। कालरात्रिं करालिंका दिव्यां विद्युतमाला विभूषिताम॥ दिव्यं लौहवज्र खड्ग वामोघो‌र्ध्व कराम्बुजाम्। अभयं वरदां चैव दक्षिणोध्वाघ: पार्णिकाम् मम॥ महामेघ प्रभां श्यामां तक्षा चैव गर्दभारूढ़ा। घोरदंश कारालास्यां पीनोन्नत पयोधराम्॥ सुख पप्रसन्न वदना स्मेरान्न सरोरूहाम्। एवं सचियन्तयेत् कालरात्रिं सर्वकाम् समृद्धिदाम्॥ देवी कालरात्रि के मंत्र से होगी हर दुविधा दूर- या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। एक वेधी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।। वामपदोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी।। देवी कालरात्रि के स्तोत्र पाठ करने से होगा लाभ - हीं कालरात्रि श्री कराली च क्लीं कल्याणी कलावती। कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कुपान्विता॥ कामबीजजपान्दा कमबीजस्वरूपिणी। कुमतिघ्नी कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी॥ क्लीं हीं श्रीं मन्त्र्वर्णेन कालकण्टकघातिनी। कृपामयी कृपाधारा कृपापारा कृपागमा॥ देवी कालरात्रि के कवच पढ़ने से मिलजी बुरी शक्तियों से मुक्ति- ऊँ क्लीं मे हृदयं पातु पादौ श्रीकालरात्रि। ललाटे सततं पातु तुष्टग्रह निवारिणी॥ रसनां पातु कौमारी, भैरवी चक्षुषोर्भम। कटौ पृष्ठे महेशानी, कर्णोशंकरभामिनी॥ वर्जितानी तु स्थानाभि यानि च कवचेन हि। तानि सर्वाणि मे देवीसततंपातु स्तम्भिनी॥ आज सूर्यास्त के बाद जरूर गाये माँ कात्यायनी की यह आरती नवरात्र में छत के इस कोने में लगाएं इस रंग का झंडा, होगा चमत्कार धन प्राप्ति के लिए अष्टमी और नवमी को करें यह गुप्त उपाय