हिंदू कैलेंडर के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के चलते, एक साल में 23 एकादशी व्रत होते हैं। इन सभी में सबसे शुभ, कामदा एकादशी, हिंदू कैलेंडर की प्रथम एकादशी है। ये हिंदी माह चैत्र के शुक्ल पक्ष के 11वें चंद्र दिवस पर पड़ता है। इस साल ये 23 अप्रैल, 2021, दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस एकादशी को चैत्र शुक्ल एकादशी के तौर पर भी जाना जाता है, जिसे नवरात्रि तथा रामनवमी के पश्चात् मनाया जाता है। कामदा एकादशी पूरे भारत में मनाई जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत का पालन करने से सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति होती है, चेतना की शुद्धि होती है तथा शापों का खात्मा होता है। कामदा इच्छाओं का अनुदान दिखाता है। वही इस दिन व्रत का पालन करना प्रभु श्री विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण को समर्पित है। कई पुराण तथा हिंदू शास्त्रों के मुताबिक, इस पर्व में उपवास करने से भक्तों को पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त होने में सहायता प्राप्त होती है तथा वो मोक्ष प्राप्त करते हैं। भक्तों को कई शापों और पापों से भी सुरक्षा प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त, ये माना जाता है कि निःसंतान दंपति एक बच्चे के साथ धन्य होते हैं, जब वो इस व्रत का पालन करते हैं। लोकप्रिय मान्यताओं के मुताबिक, जो दंपति संतान प्राप्ति की आशा कर रहे हैं उन्हें संता गोपाल मंत्र का पाठ करना चाहिए तथा भगवान को पीले फल तथा फूल अर्पित करना चाहिए। कामदा एकादशी 2021: पूजा विधान:- – प्रातः जल्दी नहाकर, दीप, अगरबत्ती लगाकर, चंदन का लेप लगाकर प्रभु श्री विष्णु को चढ़ाएं। – फूल, दूध आधारित प्रोडक्ट्स, सात्विक भोजन, फल तथा ड्राई फ्रूट्स चढ़ाएं। – दशमी के दिन के तौर पर कामदा एकादशी का व्रत आरम्भ होता है, भक्त गण सूर्यास्त से पहले एक ही बार भोजन करते हैं, वो भी पिछले दिन। – लोग कथा, व्रत कथा सुनते हैं तथा मंत्रों का जाप भी करते हैं। – भक्त इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम भी पढ़ते हैं। कामदा एकादशी 2021: तिथि और समय:- कामदा एकादशी शुक्रवार 23 अप्रैल, 2021 को पड़ रही है। कामदा एकादशी तिथि शुरू होती है : 22 अप्रैल 2021 को रात 11:35 बजे कामदा एकादशी तिथि समाप्त : 23 अप्रैल, 2021 को रात 09:47 बजे कामदा एकादशी पारण : प्रातः 05:47 से 08:24 बजे 24 अप्रैल, 2021 तक एजाज के धर्म पर बोलीं पवित्रा पुनिया- 'मेरी माँ परेशान...' इन 4 राशि के लोग होते है बहुत तेज-तर्रार और निडर, भूलकर भी ना ले पंगा आखिर क्यों भगवान को लगाया जाता है भोग? जानिए इसके पीछे का रहस्य