भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कांग्रेस से सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका मिला है। सूत्रों के अनुसार, कमलनाथ ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपल को इस्तीफा सौंपा है। कमलनाथ ने पार्टी की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ भाजपा का दामन थाम सकते हैं। यही नहीं, इनके साथ कांग्रेस के लगभग 23 विधायक और पूर्व विधायक भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। वही इससे सियासी हलचल तेज हो गई है... कमलनाथ का राजनीतिक सफर:- कमलनाथ ने अपने राजनीतिक सफर का आरम्भ कांग्रेस में इंदिरा गांधी के वक़्त किया था। उनका बचपन से ही कांग्रेस से जुड़ाव रहा है। वह बचपन में संजय गांधी के साथ पढ़ते थे और संजय गांधी के कारण ही कांग्रेस में आए। कमलनाथ ने 1968 में युवा कांग्रेस से राजनीतिक सफर का आरम्भ किया था। कहा जाता है कि कमलनाथ अपने दोस्त संजय गांधी के कारण तिहाड़ जेल तक जा चुक हैं। पत्रकार विनोद मेहता की किताब 'संजय गांधी- अनटोल्ड स्टोरी' में जिक्र है, जब देश में आपातकाल के पश्चात् जनता पार्टी की सरकार थी। तब एक मामले में संजय गांधी को तिहाड़ जेल भेज दिया गया था, जिसके बाद कमलनाथ ने अपने दोस्त के कारण एक जज से पंगा ले लिया तथा उस मामले में उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया, जहां संजय गांधी कैद थे। इंदिरा गांधी ने कमलनाथ को बताया था तीसरा बेटा पूर्व पीएम इंदिरा गांधी कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा मानती थी। उन्हें अपने बेटे की भांति प्यार करती थी। इस बात का जिक्र स्वयं इंदिरा गांधी एक जनसभा में भी कर चुकी थीं। उन्होंने भरे सभा में कहा था कि मेरे तीसरे बेटे कमलनाथ को आपलोग वोट दें। इंदिरा गांधी ने 1980 में कमलनाथ को छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से टिकट दिया था। छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद बने कमलनाथ कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से 9 बार सांसदी का चुनाव जीता था। उन्होंने पहली बार 1980 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी। तत्पश्चात, वह 1984, 1990, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 एवं 2014 के चुनावों में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से जीत दर्ज की। वह 2019 में पहली बार छिंदवाड़ा से विधायक बने थे। 15 वर्षों बाद MP में कांग्रेस की वापसी कमलनाथ ने 2018 में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की वापसी कराई थी। कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने 2018 में सरकार बनाई थी तथा 15 वर्षों पश्चात् सत्ता में आई थी। उस समय कमलनाथ ही मध्य प्रदेश के सीएम चुने गए थे। हालांकि, 15 महीने पश्चात् ही उनकी सरकार गिर गई थी, क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत कर दी थी। केंद्र में कई अहम पदों पर रहे कमलनाथ कमलनाथ ने केंद्र में कांग्रेस की सरकार के चलते कई अहम पदों पर अपनी सेवा दी है। उन्होंने 1991 से 1994 तक केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री, 1995 से 1996 केंद्रीय कपड़ा मंत्री, 2004 से 2008 तक केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री, 2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री, 2012 से 2014 तक शहरी विकास व संसदीय कार्य मंत्री के तौर पर काम किया है। कमलनाथ ने कांग्रेस में निभाई अहम भूमिका कमलनाथ को कांग्रेस में कई प्रभार दिए गए। उन्होंने 1976 में यूपी युवा कांग्रेस के प्रभारी के रूप में काम किया। तत्पश्चात, 1970 से 1981 तक वह अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे। फिर वह 2000 से 2018 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे। बाद में उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का दायित्व दिया गया। उन्होंने बीते वर्ष विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारण प्रदेशा अध्यक्ष का पद छोड़ दिया। 'BJP से अलग हो जाओ, वरना बम से उड़ा देंगे', गिरफ्तार हुआ CM नीतीश को धमकी देने वाला आरोपी 'जो लोग काम करते हैं, उन पर आरोप लगना तय है', आखिर क्यों ऐसा बोले अजित पवार? TMC नेता मिमी चक्रवर्ती ने MP पद से दिया इस्तीफा, CM को पत्र लिख बोली- 'मुझे अपमानित किया गया'