भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ शुक्रवार को यहां पहुंचे। माना जा रहा है कि उन्होंने नए कृषि कानूनों और चल रहे किसानों के आंदोलन पर चर्चा की है। कांग्रेस ने बाद में दावा किया कि दोनों नेताओं ने करीब 20 मिनट तक चली बैठक के दौरान अन्य बातों के अलावा केंद्र के विवादास्पद नए कृषि कानूनों पर चर्चा की। चौहान के सरकारी आवास पर यह बैठक राज्य में नगरीय निकाय चुनाव की संभावित घोषणा से पहले हुई। प्रदेश कांग्रेस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि दोनों नेताओं ने 'काले कृषि कानूनों' के साथ-साथ विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की, जबकि एक सरकारी विज्ञप्ति में सिर्फ इतना कहा गया कि दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। कमलनाथ ने कहा कि ये तीनों कृषि कानून देश के किसानों को तबाह कर देंगे। राजनीति की परवाह किए बिना किसानों के साथ सहानुभूति रखने वाले हर व्यक्ति को उनका विरोध करना चाहिए। भारत मुख्य रूप से कृषि प्रधान देश है। इन कानूनों से किसानों और कृषि क्षेत्र दोनों को नुकसान होगा। आज हमारे किसान दो महीने से अधिक समय से आंदोलन पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि इस समय हम सभी को उनका समर्थन करने की जरूरत है। कमलनाथ ने इससे पहले 11 नवंबर को अपने पड़ोसी चौहान से 28विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए उग्र अभियान के बाद मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दोनों ही पहले ही चुनावी मोड में फिसल चुके हैं हालांकि नागरिक चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी बाकी है। भाजपा किसान आंदोलन के खिलाफ स्टार्स को ट्वीट करने के लिए कर रही है मजबूर: ब्रात्या बसु किसान आंदोलन को लेकर बोले मेघालय के राज्यपाल- इस आंदोलन को दबाया नहीं जा सकता... केरल भाजपा ने लोक सेवा आयोग पर लगाया ये बड़ा आरोप