बागेश्वर धाम की शरण में पहुंचे कमलनाथ, पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से भी करेंगे मुलाकात

भोपाल: मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसी के मद्देनज़र राजनेता सक्रिय हो गए हैं और उनके दौरे भी शुरू हो सकते हैं। इसी क्रम में सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ आज सोमवार (13 फ़रवरी) को बुंदेलखंड अंचल के दौरे पर हैं। इस दौरान कमलनाथ ने सबसे पहले बागेश्वर धाम पहुंचकर पूजा अर्चना की। इसके साथ ही उनका पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से भी मुलाकात का भी कार्यक्रम है।

बता दें कि आज से बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र के लिए महायज्ञ प्रारंभ किया है। इसके साथ ही वह कन्याविवाह का भी आयोजन करा रहे हैं। जहां कमलनाथ भी छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम में पंडित धीरेंद्र शास्त्री से मुलाकात करने के लिए पहुंचे हैं। सबसे पहले प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने बागेश्वर में भगवान बालाजी के दरबार में पूजा अर्चना की, उन्होंने हनुमान मंदिर में मंगल कामना भी की।

सियासी नज़रिए से कमलनाथ का बागेश्वर धाम दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि इस साल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। ऐसे में सियासी पंडितों का मानना है कि, कमलनाथ भाजपा को उसी के राजनीतिक हथियार से शिकस्त देने की योजना बना रहे हैं। क्योंकि कमलनाथ खुद भी अब हिंदुत्व की बात करते हुए भाजपा पर पलटवार कर रहे हैं। बता दें कि, कमलनाथ खुद भी हनुमान जी के भक्त हैं और अक्सर इस संबंध में आयोजन भी करते रहते हैं। 

कांग्रेस ने मांगे थे पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की शक्तियों के प्रमाण:-

बता दें कि, हाल ही में जब नागपुर में पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने के आरोप लगे थे, उस समय कांग्रेस नेताओं ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पर जमकर सवाल खड़े किए थे। हालाँकि, महाराष्ट्र पुलिस ने जांच करने के बाद में पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को अन्धविश्वास फ़ैलाने के आरोपों पर क्लीन चिट दे दी थी। उस समय मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा था कि धीरेंद्र शास्त्री को अपनी शक्तियों का सबूत देना होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद सिंह ने पंडित धीरेन्द्र शास्त्री पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब बागेश्वर सरकार पर इल्जाम लगे, तो वे अपना बिस्तर लेकर क्यों भागे, यदि उनके पास चमत्कारी शक्तियां हैं, तो वे उन्हें प्रमाणित करें। उस समय भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने गोविन्द सिंह को जवाब देते हुए कहा था कि हिंदू धर्म की आस्थाओं पर किसी तरह का प्रहार उन्हें बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने कहा था कि, आज विज्ञान भूत-प्रेतों तक को मान्यता दे रहा है। अमेरिका के व्हाइट हाउस में भी भूत की मौजूदगी के सबूत सामने आ चुके हैं। लोगों की आस्था सबसे ऊपर है। हमारे साधु, संत, महात्मा या कथावाचकों का अपमान नहीं किया जाना चाहिए। 

वहीं, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में मंत्री कवासी लखमा ने भी पंडित धीरेन्द्र शास्त्री पर सवाल उठाते हुए कहा था कि बाबा मेरे साथ बस्तर चलें। यदि कल-परसों में धर्मांतरण हो रहा है, तो मैं सियासत छोड़ दूंगा और यदि नहीं हो रहा है तो वो पंडिताई छोड़ दें। आज उसी कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ, बागेश्वर धाम में पूजन अर्चन करने पहुंचे हैं और वहां वे पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से भी मुलाकात कर सकते हैं।

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