भोपाल: मध्य प्रदेश के झाबुआ जिलें में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ आदिवासी स्वाभिमान यात्रा के समापन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस मौके पर उन्होने कहा कांग्रेस की सरकार बनने पर आदिवासी समाज की मांगों को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी। यहां उन्होने भाजपा पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज सरकार में ये घोटालों एवं भ्रष्टाचार का राज्य बन गया है तथा आप सबको इन चुनावों में मध्य प्रदेश का भविष्य चुनना होगा। कांग्रेस की आदिवासी स्वाभिमान यात्रा 19 जुलाई को सीधी से शुरु हुई थी। इसके पश्चात् ये यात्रा शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर समेत 36 आदिवासी बहुल 36 विधानसभा क्षेत्रों से होते हुए झाबुआ पहुंची तथा इसके समापन अवसर पर कमलनाथ शामिल हुए। इस अवसर पर संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि मध्य प्रदेश क्या है। हजार वर्ष पहले यहां कौन रहते थे..ये सारी जमीन, जल और जंगल आदिवासियों के थे। आज मध्य प्रदेश का मूल निवासी आदिवासी पट्टे की मांग करता है। मगर मैं बोलता हूं कि कलेक्टर को इनसे पट्टे की मांग करनी चाहिए क्योंकि जमीन तो इनकी है। इनका जमीनों पर पहला अधिकार है। मगर आज आदिवासी भटक रहा है, उनकी संस्कृति पर हमला हो रहा है। उन्होने कहा कि बात सिर्फ जमीन की नहीं, संस्कृति और सम्मान की है। आज आदिवासियों पर राज्य में निरंतर अत्याचार एवं अपमान हो रहा है। आदिवासियों की संख्या धार के पश्चात् सबसे अधिक छिंदवाड़ा में हैं तथा 35 वर्षों से मैं उनकी सेवा कर रहा हूं। मैं उनका दुख दर्द समझता हूं। आप छिंदवाड़ा जाकर देखिए कि वहां क्या हो रहा है। आप देखेंगे कि वहां के आदिवासियों ने कितना विकास किया है। वहां के महापौर आदिवासी समाज से है। आदिवासी समाज को ये बात समझ आए कि उनके लिए भी कोई बोलने वाला है, उनको भी कोई आगे बढ़ाने वाला है ये आज बहुत बड़ी जरुरत है। उन्होने कहा कि छिंदवाड़ा की तरह झाबुआ के बच्चे और युवा भी विकास कर सकते हैं और इसके लिए वो हमेशा उनकी सहायता के लिए मौजूद हैं। 'चीन-राहुल गांधी को जोड़ने वाला बयान संसद के रिकॉर्ड से हटाओ..', लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से कांग्रेस की मांग कांग्रेस ने की विशाल जनसभा, भाजपा सरकार पर जमकर बरसे पीसीसी चीफ कमलनाथ संसद में गूंजा 'चीन-कांग्रेस' के गुप्त रिश्तों का मुद्दा, 2008 में हुई थी एक सीक्रेट डील, क्या वाकई दोनों 'भारत' के खिलाफ ?