भोपाल: दिल्ली की एक अदालत ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में माल्टा के एक नागरिक को जमानत देने से इनकार कर दिया है, जिसमें वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ के भांजे रतुल पुरी का नाम भी शामिल हैं। विशेष न्यायाधीश रघुबीर सिंह ने माल्टा के नागरिक और बैंक ऑफ सिंगापुर के पूर्व रिलेशनशिप मैनेजर नितिन भटनागर द्वारा दायर जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके संबंध में जांच अभी भी चल रही है और पूरक शिकायत (ED के आरोप पत्र के बराबर) दिख रही है। रिपोर्ट के अनुसार, अपराध का सार अभी तक दर्ज नहीं किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, न्यायाधीश ने कहा कि, "जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता है और आवेदन को खारिज कर दिया गया है।" इसमें कहा गया है कि 22 सितंबर को पारित आदेश में, न्यायाधीश ने भटनागर को राहत देने से इनकार करते हुए अपराध में उनकी कथित भूमिका और लूटे गए धन की राशि का भी उल्लेख किया। जज ने कहा कि, ''रिपोर्ट के बताया गया है कि, कथित अपराध की प्रकृति, कथित रूप से लूटी गई राशि की भयावहता, आरोपी/आवेदक की भूमिका, जैसा कि आवेदन के जवाब में स्पष्ट है और यह तथ्य भी कि उसके खिलाफ शिकायत अभी तक दर्ज नहीं की गई है, उसने कहा है एक महीने पहले ही गिरफ्तार किया गया था, ये भी ऐसे कारक हैं जो अदालत को इस समय आरोपी/आवेदक के पक्ष में न झुकने के लिए मजबूर करते हैं।'' बता दें कि, मनी लॉन्ड्रिंग का मामला CBI द्वारा दर्ज की गई 2019 की FIR से उपजा है, जहां यह आरोप लगाया गया था कि मोजर बेयर इंडिया लिमिटेड (MBIL) और उसके प्रमोटरों ने कथित तौर पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI) को धोखा दिया और धोखाधड़ी की, जिससे उन्होंने ऋण प्राप्त किया था। इसमें 354.51 करोड़ रुपये का उल्लेख किया गया है। बैंक द्वारा CBI को शिकायत भेजे जाने के बाद कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों ने रतुल पुरी, उनके पिता दीपक पुरी, मां नीता (कमलनाथ की बहन) और कुछ अन्य लोगों पर केस दर्ज किया था। इस मामले में रतुल पुरी को 2019 में ईडी ने गिरफ्तार किया था और वह अब जमानत पर जेल से बाहर हैं। CBI और ED ने पुरी परिवार और संजय जैन और विनीत शर्मा जैसे व्यक्तियों पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इस मामले में रतुल पुरी पर उनके पिता दीपक पुरी द्वारा प्रवर्तित कंपनी MBIL के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक के रूप में मामला दर्ज किया गया था। कंपनी कॉम्पैक्ट डिस्क, डीवीडी और सॉलिड स्टेट स्टोरेज डिवाइस जैसे ऑप्टिकल स्टोरेज मीडिया के निर्माण में शामिल थी। बैंक ने एक बयान और CBI को दी शिकायत में कहा था कि रतुल पुरी ने 2012 में कार्यकारी निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनके माता-पिता बोर्ड में बने हुए हैं। कंपनी (मोजर बेयर) 2009 से विभिन्न बैंकों से ऋण ले रही थी और कई बार ऋण पुनर्गठन के लिए गई, बैंक ने शिकायत में आरोप लगाया। क्या है पूरा मामला:- प्रवर्तन निदेशालय ने 2019 में मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी, उनके सहयोगियों और उनके पिता की कंपनी मोजर बेयर इंडिया लिमिटेड (Moser Baer India Limited) के खिलाफ 8000 करोड़ रुपये (सेंट्रल बैंक के 354 करोड़) के विभिन्न बैंक लोन धन शोधन से संबंधित एक मामले में अदालत में चार्ज शीट दाखिल की थी। चार्जशीट के अनुसार, कमलनाथ के भांजे पुरी ने अमेरिका के एक नाइटक्लब में एक ही रात में 11 लाख डॉलर यानी 7.8 करोड़ रुपये फूंक डाले थे। चार्ज शीट में बताया गया था कि रतुल पुरी दुबई स्थित एक हवाला कारोबारी से मिले क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर मौज मस्ती का जीवन जी रहे थे। यह हवाला कारोबारी VVIP हेलिकाप्टर घोटाले में आरोपी है। चार्जशीट के अनुसार, पुरी इस क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर प्राइवेट विमानों से उड़ान भरते थे और नाइट क्लब जाते थे। ED ने एक बयान में कहा कि लगभग आठ हजार करोड़ रुपये के हेरफेर से संबंधित एक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत एक मुकदमा दर्ज किया गया है। ED दफ्तर से फरार हो गए थे कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी :- बता दें कि, हेलीकाप्टर घोटाले के मामले में जुलाई 2019 में ED ने कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी को पूछताछ के लिए तलब किया था। उस समय भी अधिकारियों ने कहा था कि रतुल पुरी मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, लिहाजा उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की गई थी। यह बात सुनकर रतुल पुरी ने पूछताछ के दौरान बाथरूम जाने की अनुमति मांगी थी। उन्हें बिना गार्ड के बाथरूम जाने की अनुमति दे दी गई थी। इसी का लाभ उठाकर रतुल पुरी ED कार्यालय से भाग निकले थे। काफी देर जब रातुल पुरी पूछताछ वाले कमरे में वापस नहीं लौटे, तो ED के कर्मचारियों ने उनकी तलाश आरंभ की, किन्तु जब ये पता चला कि वह फरार गए है, तो ED कार्यालय में हड़कंप मच गया। 9 महीने में 27 मौत, कोटा में एक और छात्र ने की ख़ुदकुशी, नहीं बचा पाए गहलोत सरकार के 'स्प्रिंग वाले पंखे' ! भारत की 'हरित क्रांति के जनक' और महान कृषि वैज्ञानिक डॉ. स्वामीनाथन का दुखद निधन, संयुक्त राष्ट्र ने भी किया था सम्मानित '10 लाख लो और बस 5 लाख ही लौटाओ..', 80 फीसद आबादी के लिए नहीं है ये शानदार सरकारी स्कीम !