नई दिल्ली: वरिष्ठ वकील और पूर्व कांग्रेस नेता, राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा पेगासस मामले की जांच के लिए गठित समिति को केंद्र सरकार से जांच में सहयोग नहीं करने से संबंधी टिप्पणी को लेकर बयान दिया है। जी दरअसल उन्होंने आज यानी शुक्रवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'असहयोग अधिकतर अफ़सोस का प्रमाण होता हैं।' जी दरअसल बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा क, 'पेगासस स्पाईवेयर के बिना आदेश के इस्तेमाल की जांच के लिए उसके द्वारा गठित की गई तकनीकी समिति ने जांच के किये गए 29 मोबाइल फोन में से पांच में कुछ 'मालवेयर’ पाए हैं। हालांकि यह परिणाम नहीं निकला नहीं जा सकता कि यह 'मालवेयर’ इजराइली 'स्पाइवेयर’ के हैं या नहीं।' जी दरअसल सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आर। वी। रवींद्रन द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद CJI एन। वी। रमना ने यह भी पाया कि पेगासस मामले की जांच में केंद्र सरकार ने सहयोग नहीं किया। वहीं अब वरिष्ठ वकील सिब्बल ने ट्वीट किया कि, 'सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने देखा कि सरकार ने जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया। 29 में से 5 फोन कुछ मैलवेयर पाए गए हैं। अक्सर असहयोग अपराध बोध का प्रमाण होता है। सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।' आप सभी को पता होगा कि उच्चतम न्यायालय की एक समिति ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश आर वी रवींद्रन द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद गुरुवार को कहा था कि समिति ने यह बात भी कही है कि केंद्र सरकार ने पेगासस मामले की जांच में सहयोग नहीं किया। वहीं प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि 'समिति ने एक बात यह कही है कि भारत सरकार ने सहयोग नहीं किया। आप वही रुख अपना रहे हैं, जो आपने वहां अपनाया था।’ बेटी ने दिया सोनाली की अर्थी को कंधा और मुखाग्नि, जेठ ने किया दूसरी शादी का खुलासा CM योगी आदित्यनाथ को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द, जल्द आ सकता है राज्यपाल का फैसला