रांची: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को आज शनिवार को भूमि घोटाला मामले में रांची की एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) अदालत ने अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। हेमंत सोरेन ने अपने चाचा राजा राम सोरेन के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अदालत से 13 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी, जिनका आज निधन हो गया। राजा राम सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रमुख शिबू सोरेन के बड़े भाई थे। हेमंत सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील और पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका का उल्लेख किया। समाजवादी पार्टी (सपा) से राज्यसभा पहुंचे कपिल सिब्बल ने पीठ को अवगत कराया कि झारखंड उच्च न्यायालय ने फरवरी के अंतिम सप्ताह में सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था, लेकिन अभी तक फैसला नहीं सुनाया गया है। उन्होंने चल रहे लोकसभा चुनावों के आधार पर तत्काल सुनवाई की भी मांग की और पीठ को यह भी बताया कि चुनाव खत्म हो जाएगा और वह जेल के अंदर ही रहेंगे। इसी साल जनवरी में भूमि घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। जांच करोड़ों रुपये मूल्य की भूमि के विशाल पार्सल हासिल करने के लिए जाली या फर्जी दस्तावेजों की आड़ में 'फर्जी विक्रेताओं' और खरीदारों को दिखाकर आधिकारिक रिकॉर्ड में जालसाजी करके उत्पन्न अपराध की भारी मात्रा में आय से संबंधित है। सूखाग्रस्त कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के पास जनता को राहत देने के लिए पैसा नहीं ! केंद्र ने जारी किए 3454 करोड़ तमिलनाडु के वक़्फ़ एक्ट को मद्रास हाई कोर्ट ने घोषित किया असंवैधानिक, DMK सरकार को लगा बड़ा झटका भारत ने रचा इतिहास, बो आर्च स्ट्रिंग गर्डर से जुड़ा कोस्टल रोड और बांद्रा-वर्ली सी-लिंक