नई दिल्ली: सियासत में रिश्ते भले ही पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे हों, किन्तु बदलते हुए समीकरण में एक झटके में आगे निकल जाने की होड़ सी मची हुई है। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस जो दशकों तक राज किया, आज अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। गत वर्ष पार्टी के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद जितिन प्रसाद के भाजपा का दामान थामने पर वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को नसीहत दी है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के कभी दिग्गज कांग्रेस नेता रहे जितिन प्रसाद भी अब भाजपा का दामन थाम चुके है। संयोग ऐसा है कि सिंधिया की तरह ही जितिन प्रसाद भी कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी नेता में से रहे है। जिस पर कपिल सिब्बल का बयान पार्टी को असहज कर सकता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने एक बयान में कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जब हाई कमान पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करते हैं, तो इस तरह दूसरे पार्टी में जाने का सिलसिला आरंभ होना कोई आश्चर्य नहीं करता है। सिब्ब्बल ने आगे कहा कि आजकल सियासी दलों को भी कॉरपोरेट घरानों से सीख लेनी चाहिये। जहां कम्यूनिकेशन दो तरफा होता है। किन्तु ऐसा कांग्रेस में नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। सीएम सरमा बोले- बढ़ती जनसंख्या है गरीबी का मुख्य कारण, परिवार नियोजन नीति अपनाएं अल्पसंख्यक आत्मघाती कार बम विस्फोट में तीन अफगान सैनिकों की मौत 'कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा हैं और आगे भी बने रहेंगे', अरुण सिंह ने अटकलों पर लगाया विराम