कर्नाटक में अब फिर नाटक शुरू

कर्नाटक में जारी सियासी ड्रामा अब जाकर धीरे धीरे थम रहा है में कांग्रेस-जेडीएस नेताओं के बीच खींचतान के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने विभागों का बंटवारा करते हुए 11 मंत्रालय खुद के पास रखे हैं. इनमें वित्त और सिंचाई विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग भी शामिल है. कांग्रेस नेता और डिप्टी सीएम जी. परमेश्वर से इंटेलिजेंस विंग की जगह अब गृह मंत्रालय सौपा गया है. मगर अब खबर की माने तो जेडीएस कांग्रेस में अभी से बागी स्वर सुनाई देने लगे है. मंत्रिमंडल में शमिल नहीं किये गए एक दर्जन से ज्यादा नेता नाराज होकर बगावत कर सकते है. इनमे एमबी पाटिल, दिनेश गुंडु राव, रामलिंगा रेड्डी, आर रौशन बेग, एचके पाटिल, तनवीर सैत, शामानूर शिवशंकरप्पा और सतीश जारखिहोली समेत पिछली सिद्धरमैया मंत्रिमंडल के कई बड़े चहरे शामिल है.

इससे पहले सीएम कुमारस्वामी ने कहा था, "कांग्रेस और जेडीएस नेता मंत्री पद बंटवारे के अलावा लगभग हर मुद्दे पर सहमत हो गए हैं. राहुल गांधी ने कुछ सलाह दी थी जिसे कांग्रेस के नेताओं ने मान ली है." कुमारस्वामी ने यह भी कहा कि प्रदेश में गठबंधन सरकार स्थिर होगी और पूरे पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

जहा तक अभी विभागों के बटवारें की बात है तो गृह, बेंगलुरु सिटी डेवलपमेंट, उद्योग और चीनी उद्योग, स्वास्थ्य, राजस्व, शहरी विकास, ग्रामीण विकास, कृषि, आवास, चिकित्सीय शिक्षा, सामाजिक कल्याण, वन और पर्यावरण, श्रम, खनन और भूगर्भ, महिला और बाल कल्याण, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, हज/वक्फ और अल्पसंख्यक मामले, कानून और संसदीय मामले, विज्ञान और तकनीकी, खेल और युवा मामले, बंदरगाह और परिवहन विकास कांग्रेस के खाते में आये और सूचना (जीएडी, इंटेलीजेंस, प्लानिंग), वित्त, पीडब्ल्यूडी, बिजली, को-ऑपरेशन, पर्यटन, शिक्षा, पशुपालन और मछलीपालन, बागवानी और रेशम के कीड़ों का पालन, लघु उद्योग, परिवहन, माइनर इरिगेशन विभाग जेडीएस को मिले है. 

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