बंगलुरु : आगामी कर्नाटका चुनावों को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी इन दिनों कर्नाटक में चुनाव प्रचार कर रहे हैं, जहां वे जनता को राज्य में कांग्रेस लाने सरकार के फायदे बता रहे हैं, वहीं भाजपा सरकार पर आरोपों की बौछार करते हुए जनता को भाजपा के खिलाफ उकसा भी रहे हैं. राहुल ने कर्नाटक शहर के व्यापारियों से बुधवार को बात करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह विभिन्न संस्थाओं में आरएसएस के लोगों को बिठा कर और उनसे आदेश दिला कर इन संस्थाओं का निरादर कर रही है और उन्हें ध्वस्त कर रही है. उन्होंने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा किए गए बैंक घोटाले को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि हर एक मंत्री के कार्यालय में आरएसएस का एक आदमी बैठा होने से देश का बैंकिंग सेक्टर ध्वस्त हो रहा है. गौरतलब है कि राहुल ने एक कंपनी के प्रमोटर द्वारा 650 करोड़ रूपए की ऋण अदायगी न करने के कारण रेल मंत्री पीयूष गोयल से ऋणग्रहिता के साथ सम्बन्ध होने का आरोप भी लगाया था. नोटेबंदी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बार फिर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि मुख्य आर्थिक सलाहकार, केंद्रीय वित्त मंत्री और समूचा कैबिनेट प्रधानमंत्री की नोटबंदी की योजना से अनजान था. ‘नोटबंदी से पहले समूचे कैबिनेट को कमरे में बंद कर दिया गया. उन लोगों को कमरे से बाहर नहीं निकलने दिया गया.’ राहुल ने कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई गई बेरोजगारी से निपटने की योजना बताते हुए कहा कि कांग्रेस निर्माण कार्य, कृषि और अन्य छोटे क्षेत्रों में युवाओं को अवसर प्रदान करके इस समस्या को हल करेगा. अब कांग्रेस अध्यक्ष के ये दावे कितने सच हैं या कितने खोखले, यह तो कर्नाटक में उनकी सरकार आने के बाद ही पता चलेगा, जिसके लिए मतगणना तक इंतज़ार करना होगा. कर्नाटक चुनाव: लिंगायत पर अमित शाह का सियासी दांव राहुल गांधी आज से दो दिनों के कर्नाटक दौरे पर दलितों पर चुप क्यों मोदी? :राहुल गाँधी