बेंगलूरु: प्राकृतिक आपदा की परिस्थिति में लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित किया जाता है. लेकिन यहां पर ऐसे लोगों को ठहराने के लिए कोई स्थायी प्रबन्ध नहीं होती है. इस व्यवस्था की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश के कोडग़ु, रायचूर, उडुपी,कारवाड़ तथा यादगीर जिलों में बाढ़ प्रभावितों के अस्थाई निवास के लिए ऐसे बहुमंजिला भवनों का निर्मित किया जाएगा. इसके लिए दस-दस करोड़ रु अनुदान जारी कर दिया जाएगा. राजस्व मिनिस्टर आर अशोक ने यह सूचना दी. राजस्व मंत्री ने बोला कि मौसम विभाग के मुताबिक इस साल भी प्रदेश के कई जिलों में ज्यादा बारिश के वजह से बाढ़ की संभावना जताई है. प्रदेश के अठराह जिलों में 1980 ऐसे गांव चिन्हित किए गए हैं, जहां पर बाढ़ आने पर लोगों को स्थानांतरित करने की स्तिथि आती है. ऐसे गांवों को अब अन्य सुरक्षित इलाकों में स्थानांतरित कर यहां के निवासियों के पुनर्वास की परियोजना बनाई गई है. आर अशोक ने आगे बोला कि महाराष्ट्र में भारी बारिश के वजह से कोयना तथा राजापुर बांध से बड़ी तादाद में पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके नतीजे स्वरूप रायचूर, यादगिरी, कलबुर्गी जिले के 1700 से ज्यादा गांवों के हजारों लोगों को स्थानांतरित करने की स्तिथि आ सकती है. इसके लिए स्थानीय जिला प्रशासन ने तैयारियां प्रारंभ की हैं. वहीं, ऐसे क्षेत्र के लोगों को रुकाने के लिए स्कूल, कॉलेज के 1740 भवन चिन्हित किए गए हैं. पिछले साल प्रदेश के 19 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए थे. इसके बाद कोडग़ु जिला प्रशासन को भी बाढ़ से बचने के लिए तैयार रहने के निर्देश दे दिए हैं. यहां पर एनडीआरएफ की दस्ता पहले से ही तैनात कर दिया गया है. जिले में भूस्खलन के केसों को देखते हुए ऐसे क्षेत्रों की विशेष निगरानी रखी जा रही है. यूपी: पुलिस और अपराधियों की मुठभेड़, एक को लिया हिरासत में हिमाचल प्रदेश: कोरोना महामारी के दौरान टला मंत्रीमंडल विस्तार इंदौर: भाजपा सांसद शंकर लालवानी के परिवार के दो लोग निकल कोरोना पॉजिटिव, मचा हड़कंप