बैंगलोर: हिजाब विवाद में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) की भूमिका के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए कहा है। उच्च न्यायालय ने यह आदेश उस समय दिया है जब कि वरिष्ठ वकील एसएस नागानंद ने सरकारी कॉलेज की ओर से कहा कि हिजाब का यह मामला CFI से संबंधित कुछ छात्राओं ने शुरू किया था। इसके बाद ऐडवोकेट जनरल ने कहा है कि CFI के बारे में तमाम जानकारी लिफाफे में बंद है और जल्द ही अदालत को सौंप दी जाएगी। बता दें कि कॉलेज के प्रिंसिपल से हिजाब पहनकर क्लास में आने करने की अनुमति मांगने के बाद 6 लड़कियां CFI की एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में पहुंची थी, जो कि उडुपी में आयोजित की गई थी। कॉलेज के प्रिंसिपल की ओर से पेश वकील ने कहा कि लड़कियों ने कॉलेज कैंपस में हिजाब पहना हुआ था, मगर क्लास में जाकर हिजाब उतार दिया था। कॉलेज के वकील ने आगे कहा कि, 'इंस्टिट्यूट में हिजाब पहनने या न पहनने को लेकर कोई नियम नहीं बनाया गया था, मगर बीते 35 वर्षों से कोई भी कक्षा में हिजाब नहीं पहन रहा था। इसके लिए जिन छात्राओं ने मांग की है उनका ताल्लुक बाहर के किसी संगठन से है और उनके कहने पर ही ऐसा किया गया है।' ICRC का अनुमान है कि 24 मिलियन से अधिक अफगानों को मानवीय सहायता की सख्त आवश्यकता है पेंटागन डीसी की यात्रा के लिए ट्रक काफिले के रूप में नेशनल गार्ड को तैनात करेगा 25 फरवरी से विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना का मिलन अभ्यास