बैंगलोर: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि कहीं भी लाउडस्पीकरों का उपयोग रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के मध्य नहीं होना चाहिए। इस नियम का सख्ती से पालन होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना राज्य सरकार का काम है। हाई कोर्ट ने आगे कहा कि धार्मिक स्थान, पब और रेस्तरां आदि पर भी यह नियम लागू रहेगा। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी और न्यायमूर्ति अशोक एस. किनागी की डिविजन बेंच ने प्राधिकारियों को आदेश दिया है कि वे एक अभियान चलाएं और लाउडस्पीकरों के बेजा इस्तेमाल पर लगाम लगाई जाए। इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा कि जनता को संबोधित करने के सिस्टम या फिर म्यूजिक के यंत्रों का भी बेजा इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उच्च न्यायालय ने कहा है कि प्रशासन ऐसे लोगों पर कार्रवाई करे और क्या कार्यवाही हुई है, इस संबंध में तीन हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सौंपे। हाई कोर्ट ने कहा है कि, 'अथॉरिटीज को आदेश दिया जाता है कि वे आवश्यक कार्रवाई करें। लाउडस्पीकर आदि का दुरूपयोग न हो। रात को 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच तय डेसिबल से ज्यादा आवाज में कोई भी यंत्र नहीं बजना चाहिए।' इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट में एक पक्ष ने कहा कि प्रशासन की तरफ से कुछ संस्थानों और धार्मिक स्थानों को अवैध तरीके से स्थायी लाइसेंस दिया गया ताकि वे लाउडस्पीकर का उपयोग कर सकें। 'अग्निवीरों को मिलेगा आरक्षण..', हिंसक प्रदर्शनों के बीच गृह मंत्रालय ने किया बड़ा ऐलान 'अग्निपथ' विरोधी हिंसा में दब गया IIT छात्रों का ये प्रदर्शन, 3 दिन से धरना दे रहे हज़ारों स्टूडेंट्स सौरव कोठारी ने भारत का नाम किया रोशन, पैसिफिक अंतरराष्ट्रीय स्नूकर में जीता खिताब