भारत के कर्नाटक की मातृ मृत्यु दर में कमी देखने को मिली है। (MMR) 2015-17 में एक लाख जीवित जन्मों के 97 से अब काफी कम हो गई है। इसमें अब पांच अंकों को गिरावट दर्ज की गई है। अतः अब 2016-18 में प्रति एक लाख जीवित जन्मों में यह आंकड़ा 92 हो गया है। वहीं इससे पहले यानी कि साल 2014-2016 में, एमएमआर 108 थी। आपको जानकारी के लिए इस बात से अवगत करा दें कि MMR एक महत्वपूर्ण संकेतक है जो हमे किसी राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य की जानकारी देता है या यूं कहा जा सकता है कि जो इसे परिभाषित करने का काम करता है। साथ ही यह संकेतक गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के समय गर्भवती महिलाओं के जीवन को बचाने में राज्यों द्वारा की गई प्रगति को भी निर्धारित करने का कार्य करता है। इस मामले में भारत में कर्नाटक के स्थान में भी सुधार हुआ है। कर्नाटक अब भारत में 11वें से 9वें स्थान पर आ गया है। केरल इस मामले में पहले पायदान पर है। वहीं असम इस मामले में सबसे आख़िरी में आता है। केरल की बात की जाए तो जहां MMR-43 प्रति एक लाख जीवित जन्मों के साथ 2015-2017 में 42 के अनुपात में थी, जबकि असम में इसे 215 के साथ दर्ज किया गया है। तेलंगाना की बात की जाए तो यहां पर MMR में सबसे अधिक कमी दर्ज की गई है। 2015-17 में 76 से 2016-18 में 63, सबसे अधिक इजाफा हुआ था। लद्दाख दौरे पर पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, LAC पर सुरक्षा हालात का लेंगे जायजा UNSC में भारत की प्रचंड जीत के बाद आज पहली बार UN को संबोधित करेंगे पीएम मोदी देश में 10 लाख हुए कोरोना मरीज, राहुल बोले- 10 अगस्त तक 20 लाख हो जाएंगे