कर्नाटक में एक दलित व्यक्ति ने पुलिस पर जबरन पेशाब पिलाने का आरोप लगाया है। इस आरोप के लगते ही कर्नाटक पुलिस ने बीते शनिवार को व्यक्ति द्वारा लगाए गए आरोपों की विभागीय जांच का आदेश दिया है। मिली जानकारी के तहत दलित व्यक्ति का कहना है कि, ''यह घटना 10 मई को जिले के मुदिगेरे तालुक के गोनीबीडु पुलिस स्टेशन में हुई थी।'' बताया जा रहा है पुनीत नाम के इस शख्स ने चिक्कमगलुरु के पुलिस अधीक्षक (SP) के पास इस घटना की शिकायत दर्ज कराई, और उसी के बाद विभागीय जांच का आदेश दिया गया। इस मामले में मिली जानकारी के तहत पुनीत ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि, ''चिक्कमगलुरु जिले में हिरासत में पुलिस ने एक थाने के अंदर पूछताछ के दौरान उसे पेशाब पीने के लिए मजबूर किया था।'' इसके अलावा पुनीत ने कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद को पत्र लिखकर भी इस मामले में न्याय माँगा है। इसके अलावा उसने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले इंस्पेक्टर समेत पुलिस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी गुजारिश की है। बताया जा रहा है पत्र में पुनीत ने कहा है, ''मुझे पुलिस स्टेशन ले जाया गया और पीटा गया। मेरे हाथ और पैर बंधे हुए थे। मैं प्यासा था और पानी मांग रहा था, क्योंकि पानी नहीं मिलता तो मैं मर जाता। इसी दौरान पुलिस ने एक आदमी को बोला कि वो मुझ पर पेशाब करे और इतना ही नहीं, पुलिस ने मुझसे कहा कि अगर मैं बाहर निकलना चाहता हूं तो मुझे फर्श से पेशाब चाटना होगा।'' इसके अलावा पुनीत ने आरोप लगाया है कि, 'पुलिस ने थाने में मेरे साथ मारपीट की और मेरे दलित समुदाय को भी गालियां दीं। उन्होंने मुझपर लगाए गए झूठे आरोपों को लेकर मेरे साथ बहुत बुरा व्यवहार किया। मैंने खुद ग्रामीणों से सुरक्षा पाने के लिए पुलिस को फोन किया था, लेकिन पुलिस ने ही मेरे साथ क्रूर व्यवहार किया।'' अब पुनीत ने गृह मंत्री, डीजीपी और मानवाधिकार आयोग को भी पत्र लिखकर न्याय की मांग की है। अयोध्या: एक ही परिवार के 5 लोगो की हत्या, जांच में जुटी पुलिस मुंबई में आज बंद रहेंगे वैक्सीनेशन सेंटर्स ATM कार्ड में नकली चिप लगाकर अपराधी करते थे ठगी, इस तरह हुआ खुलासा