बेंगलोरः कर्नाटक की 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जदएस सरकर गिरने के बाद गठबंधन की दोनों सहयोगी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर शुरू हो चुका है। ये विवाद अब शीर्ष स्तर के नेताओं के बीच शुरू हो गया है। पूर्व पीएम और जनता दल सेक्युलर के संस्थापक चडी देवगौड़ा ने संकेत दिया कि कर्नाटक में उनकी पार्टी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार इसलिए गिरी क्योंकि कांग्रेस नेतृत्व ने अपनी पार्टी के नेता सिद्धरमैया से विचार-विमर्श किए बिना उनके बेटे एचडी कुमारस्वामी को सीएम बनाने का निर्णय लिया था। वहीं सिद्धारमैया ने पलटवार करते हुए कहा कि क्या वह उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जिन्होंने हमारे खिलाफ वोट किया था? पूर्व पीएम ने सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कांग्रेस आलाकमान के फैसले को गलत ठहराया। इससे एक ही दिन पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के कुछ मित्र गठबंधन सरकार को गिराना चाहते थे क्योंकि वे कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देख सकते। पूर्व पीएम देवगौड़ा ने यहां गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, 'मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि पांच साल मुख्यमंत्री रहे सिद्धरमैया को विश्वास में लिए बिना सोनिया गांधी और राहुल गांधी अचानक सामने आए और कहा कि कुमारस्वामी अगले मुख्यमंत्री है। यह गलत फैसला था।' इस पर जवाब देते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि, मैंने और देवेगौड़ा ने कई निर्वाचन क्षेत्रों में प्रचार किया था। उन्होंने अपनी और अपने पोतों की हार के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराया है तो उन्हें बताना चाहिए कि आखिर हमारे (कांग्रेस) उम्मीदवार क्यों हारे। इसके पीछे क्या कारण थे? क्या वह उन लोगों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करेंगे जिन्होंने हमारे खिलाफ वोट किया था?' सिद्धरमैया ने आगे कहा, 'देवेगौड़ा ने कभी किसी और को बढ़ने नहीं दिया। वे अपनी जाति के लोगों को भी बढ़ने नहीं देते। मेरे सभी जातियों और सभी पार्टियों में दोस्त हैं।' बता दें गठबंधन सरकार सदन में विश्वासमत खोने के बाद गिर गई थी। विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना का बीजेपी पर हमला, लगाया यह आरोप महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला को छूट दे सकती है सरकार, लेकिन माननी होगी ये शर्त... राहुल गाँधी के कश्मीर दौरे ने फिर दिया पाकिस्तान को मौका, पाक मंत्री ने भारत को जमकर कोसा