बेंगलोरः कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचाने वाली फोन टैपिंग मामले में साबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। यह टैपिंग कर्नाटक में पूर्ववर्ती कांग्रेस-जेडीएस सरकार के दौरान बड़े नेताओं का हुआ था। मामला बाहर आने के बाद मौजूदा बीजेपी सरकार ने इसे सीबीआई के हवाले कर दिया। अधिकारियों के अनुसार, एजेंसी ने सीएम बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में कर्नाटक सरकार के अनुरोध पर एक एफआईआर दर्ज कराई है। जेडीएस के अयोग्य करार दिए विधायक ए एच विश्वनाथ के खुलासे के बाद से यह स्कैंडल जोर पकड़ रहा है। जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष रहे और बगावत करने वाले विश्वनाथ ने एच डी कुमारस्वामी सरकार पर फोन टैप करने और उनके समेत 300 से अधिक लोगों की जासूसी करने का आरोप लगाया था। सिद्दरमैया, एम. मल्लिकार्जुन खड़गे और गठबंधन सरकार में गृहमंत्री एम बी पाटिल समेत कई कांग्रेस नेताओं ने जांच की मांग की जबकि पार्टी के अन्य अहम नेता और पूर्व मंत्री डी के शिवकुमार ने जासूसी के आरोपों को खारिज कर दिया तथा कुमारस्वामी का समर्थन किया। सूत्रों के अनुसार, सिद्दरमैया के करीबियों के फोन भी टैप कराए गए थे। सिद्धारमैया उस समय गठबंधन समन्वय समिति के प्रमुख थे। पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार समेत कई भाजपा नेताओं ने कुमारस्वामी पर अपनी सरकार बचाने के लिए फोन टैपिंग कराने का आरोप लगाया था। हालांकि कुमारस्वामी ने ऐसे किसी बात से इंकार किया था और कहा कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 'आप' ने कसी कमर, आज से शुरू करेगी जनसंवाद यात्रा दिल्ली एयरपोर्ट पर रोके जाने के बाद कश्मीरी पत्रकार ने कहा - ये मेरी आज़ादी पर हमला सीएम गहलोत को पसंद आया वसुंधरा राजे का काम, जमकर बांधे तारीफों के पुल