पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की मुश्किलें और बढ़ने वाली है , क्योंकि सीबीआई और ईडी ने उनके खिलाफ जाँच का दायरा और बढ़ाने का फैसला किया है .इस फैसले में छह और ऐसे की जाएगी जिसके लिए कार्ति के पिता पी चिदंबरम ने अनुमति दी थी. कार्ति पर अपने पिता की अनुमति का फायदा उठाकर कंपनियों से रिश्वत मांगने का आरोप है . उल्लेखनीय है कि एक अख़बार की खबर के अनुसार चिदंबरम के दोनों कार्यकाल (2004 से 2008) और (2012 से 2014) के दौरान दी गई अनुमतियों की जांच की जाएगी.इस मामले में सीबीआई और ईडी दोनों फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) के सदस्यों से भी पूछताछ करेगी. आशंका इसलिए भी है कि 2017 में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नियम बदले जाने से पहले तक FIPB ही विदेशी निवेश की अनुमति देती थी.फिर यह विभाग अपनी सिफारिशें वित्त मंत्री को देता था. बता दें कि तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने अपने अधिकारों से बाहर जाकर कंपनियों को अनुमति दी. ईडी ने जाँच में यह भी पाया कि तथ्यों को छिपाने के लिए भी FIPB के अप्रूवल का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया था. हालाँकि कार्ति और पी चिदंबरम दोनों ही अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बता चुके हैं. यह भी देखें कार्ति ने SC में कहा, विदेश में हैं कितने अकाउंट CBI ने कार्ति चिदंबरम पर लगाया सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप