नई दिल्ली : कश्मीर के बेकाबू हालातों को लेकर केन्द्र सरकार तो चिंतित है ही वहीं अब जम्मू-कश्मीर राज्य के विपक्षी दलों ने भी कश्मीर समस्या के राजनीति समाधान करने की मांग को लेकर हाल ही में राष्ट्रपति और पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इधर सुप्रीम कोर्ट ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर मसले का हल कोर्ट की दखल से नहीं सुलझ सकता है। माननीय न्यायालय ने यह कहा है कि राजनीतिक ढंग से ही कश्मीर समस्या को सुलझाया जा सकता है। न्यायालय ने कश्मीर मामले को पेचीदा भी बताया है। कहा गया है कि ऐसे कई मामले है, जिसमें न्यायालय का दखल नहीं हो सकता। यह बाते सोमवार को मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कही है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में जम्मू कश्मीर पैंथर्स पार्टी की ओर से कश्मीर मामले को लेकर याचिका दाखिल की गई है, सोमवार को कोर्ट द्वारा याचिका पर सुनवाई की जा रही थी। सुझाव देने को कहा- पैंथर्स पार्टी के संयोजक भीमसिंह ने यह मांग की है कि कश्मीर के मौजूदा हालातों को देखते हुये वहां राज्यपाल का शासन लागू कर दिया जाये और इसके लिये उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह राज्यपाल को यह निर्देश दे कि वह राज्य सरकार को भंग कर शासन अपने हाथों में ले ले, लेकिन कोर्ट ने भीमसिंह के इस अनुरोध को ठुकरा दिया है। हालांकि कोर्ट ने यह जरूर उन्हें कहा है कि वह कश्मीर मामले की समस्या को दूर करने के लिये अपने सुझाव केन्द्र सरकार के जिम्मेदारों से मिलकर अवश्य दे सकते है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इसके पूर्व भी राज्य में राज्यपाल शासन की मांग को खारिज कर चुका है। अभी कोर्ट में जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर सुनवाई की जा रही है। अब आगामी सुनवाई के लिये शुक्रवार का दिन मुकर्रर किया गया है। कश्मीर मामले में बोले आडवाणी, कहा- कश्मीर भारत का हिस्सा कश्मीर भारत का अंदरूनी मामला नहीं