श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में एक बार फिर आतंकवादियों ने गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाया। इस बार पुलवामा के त्रात क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के मजदूर शुभम कुमार पर हमला किया गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। शुभम कुमार बिजनौर के निवासी हैं और आतंकियों ने उन्हें बटागुंड गांव में गोली मारी। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है। यह हमला पिछले सप्ताह में गैर-कश्मीरी मजदूरों पर होने वाला तीसरा हमला है। इससे पहले, गंदरबल जिले में एक निर्माण स्थल पर आतंकवादी हमले में छह गैर-कश्मीरी श्रमिकों और एक स्थानीय डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी। इन घटनाओं ने एक बार फिर कश्मीर में गैर-कश्मीरियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। खबरें बताती हैं कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव संपन्न होने के बाद से ही आतंकवादी गतिविधियों में इजाफा हुआ है, खासकर गैर-कश्मीरियों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या इसके पीछे वे नेता जिम्मेदार हैं, जिन्होंने चुनावों के दौरान कश्मीरियों और बाहरी लोगों का मुद्दा उठाया था? चुनावी रैलियों में कुछ नेताओं ने कहा था कि "बाहरी लोग कश्मीर में आकर तुम्हारा हक मार रहे हैं।" इस प्रकार के बयान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के चुनावी भाषणों में देखे गए हैं, जिसके बाद 7 गैर-कश्मीरियों की हत्या हो चुकी है। सोशल मीडिया पर कई लोग इन हत्याओं को कांग्रेस नेताओं के बयानों से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि, गैर-कश्मीरी मजदूर भी भारत के अन्य राज्यों के निवासी हैं और उन्हें भारत के किसी भी हिस्से में रहने और काम करने का हक है। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर कश्मीर में बाहरी लोगों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में, राजनीतिक नेताओं द्वारा दिए गए बयानों की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठाती है और सुरक्षा के मुद्दे पर क्या रणनीति अपनाती है। मात्र 8 लाख की गाड़ी, 15 लाख की उधारी..! प्रियंका गांधी का चुनावी हलफनामा 370 हटने के बाद कश्मीर में हुर्रियत नेताओं की पहली बैठक, आखिर क्या है एजेंडा? 'जहाँ गए वहां अशांति फैलाई..', इंडोनेशिया के मुस्लिमों ने रोहिंग्याओं को खदेड़ा, लेकिन भारत में..