गांधी जयंती पर अमिताभ बच्चन ने बेहद खास अंदाज में अपने एपिसोड की शुरुआत की थी. जी हाँ, इस एपिसोड में हिंदुस्तान के अलावा कई अलग देशों में भी स्वच्छता की मुहिम छेड़ चुके डॉ. बिंदेश्वर पाठक कर्मवीर के रूप में हॉटसीट पर बैठे थे. ऐसे में उनके अलावा एक और मेहमान के तौर पर आशीष सिंह भी केबीसी के स्टेज पर पहुंचे और आशीष ने महज 6 महीने में इंदौर का कई सौ मीट्रिक टन कूड़ा उठवाया और सबसे स्वच्छ शहर बना दिया था. ऐसे में अमिताभ ने दोनों मेहमानों के साथ कास्ट को लेकर हो रही चर्चा के दौरान एक खास बात बताई. वहीं इस दौरान उन्होंने कहा कि ''जैसा कि उत्तर भारत के परिवारों में होता है, होली के त्योहार पर घर के बड़े-बुजुर्गों के पैरों में रंग लगाया जाता है और मुझे इस बात को कहने में कोई ऐतराज नहीं है कि हमारे घर में मेरे पिताजी शौच उठाने वाले शख्स के पैरों पर रंग लगाते थे और उसके बाद हमारे घर में होली का त्योहार शुरु होता था.'' आपको बता दें कि इस शो पर एक महिला ने भी बताया था कि ''कैसे डॉ पाठक की मदद से उनके हालात बेहतर हो गए थे.'' इस महिला ने कहा कि ''वे पीढ़ी दर पीढ़ी मैला उठाने का काम करती थी और एक बार उनके पास डॉ पाठक पहुंचे थे. उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या तुम कोई बेहतर काम करना चाहोगी ? जाहिर है मैं मैला उठाने का काम नहीं करना चाहती थी और मैंने हामी भर दी थी.'' इसी के साथ आगे उन्होंने कहा- ''इसके बाद मैंने उनके संस्थान नई दिशा से कई चीज़ों को बनाने की ट्रेनिंग ली थी जिसमें अचार, पापड़, जवे जैसी चीज़ें बनानी सिखाई जाती थी. इसके अलावा मैंने सिलाई की ट्रेनिंग भी ली थी लेकिन इसके बाद समस्या थी कि हमारा सामान कौन खरीदेगा क्योंकि अलवर में जात-पात जैसी चीजें काफी ज्यादा थीं. इस पर डॉ पाठक ने कहा था कि वे और उनके साथी मुझसे सामान खरीदेंगे. उनकी कोशिशों के चलते हम समाज की मुख्यधारा में आने में शामिल हो पाए हैं.'' निया शर्मा का स्टाइलिश अवतार आया सामने, कातिलाना नजर नही भूलने देगी उम्र भर नाम हैक हुआ करणवीर बोहरा का ट्वीटर अकाउंट, हैकर्स ने ट्वीट कर दी धमकी Bigg Boss 13: शो में मचा जबदस्त बवाल, इस प्रतियोगी को टॉर्चर करने में हुई सारी हदें पार