हाल ही में फिल्म निर्माता अभिषेक कपूर ने सुशांत की मौत के बाद कई राज खोले हैं. उनके द्वारा ही सुशांत सिंह राजपूत ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. ऐसे में अभिषेक कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म 'काई पो छे' से सुशांत सिंह राजपूत को इतनी बड़ी कामयाबी मिली कि एक्टर ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आपको पता हो साल 2013 में आई इस फिल्म से सुशांत सिंह राजपूत का बिग बॉलीवुड डेब्यू हुआ था और इसके बाद वह हिट होते गए. वहीं हाल ही में 'केदारनाथ' के दिनों को याद करते हुए फिल्म निर्माता अभिषेक कपूर ने बताया है कि 'कैसे एक्टर इस फिल्म के दौरान कटे-कटे से रहने लगे थे.' जी दरअसल उन्होंने बताया कि फिल्म प्रमोशन के दौरान भी सुशांत सिंह राजपूत ये देखकर काफी निराश थे कि फिल्म के लिए उन्हें उतना प्यार नहीं मिल रहा था जितना फिल्म की लीड एक्ट्रेस सारा अली खान को मिला था. जी दरअसल, इस फिल्म के साथ सारा अली खान ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था और यह उनकी डेब्यू फिल्म थी. ऐसे में सुशांत सिंह राजपूत ने फिल्म में एक मुस्लिम लड़के का किरदार निभाया था जो केदारनाथ में पीट्ठू के तौर पर काम करता था. वहीं अब हाल ही में अभिषेक कपूर ने इंटरव्यू के दौरान बताया है कि, 'मेरी उनसे करीब 1-डेढ साल से बात नहीं हुई थी. वो अपने नंबर 50 बार बदलते थे. मुझे याद है जब केदारनाथ रिलीज हुई थी. मीडिया सिर्फ सुशांत को निशाना बना रही थी. और मुझे नहीं पता कि क्या हुआ. सुशांत ये देख सकता था कि उसे उतना प्यार नहीं मिल रहा है जितना सारा अली खान को मिला था. क्योंकि सबकुछ सारा अली खान के बारे में लिखा जा रहा था. वो मुझसे भी बात नहीं कर रहा था. वो खोया-खोया रहने लगा था. फिर मैंने उसे कुछ संदेश भेजे थे. फिर फिल्म रिलीज हुई इसे अच्छा रिस्पॉन्स मिला. ये मेरी उनसे आखिरी बात थी. मैंने लिखा था- भाई मैं तुमसे मिलने की कितनी कोशिश कर रहा हूं. मुझे नहीं पता कि तुम बिजी हो, निराश हो या फिर क्या बात है. लेकिन मुझे जल्दी फोन करो बात करनी है. हम फिर से एक शानदार फिल्म बनाएंगे. अगर हम इसे सेलिब्रेट नहीं करेंगे तो फिर कौन करेगा. हम जिंदगी में क्या सेलिब्रेट करेंगे. ये मेरा उन्हें जनवरी में भेजा गया मैसेज था. उन्होंने अपने बर्थडे पर भी मुझे रिस्पॉन्स नहीं दिया. फिर मैंने उसे छोड़ दिया. मुझे लगा कोई नहीं, ये गया है फिर आएगा. मैं देख सकता था कि वो खुश नहीं है. लेकिन आप एक लाइन है जिसे क्रॉस नहीं कर सकते. अगर आप जानबूझकर ज्यादा अपनी ओर से बात करते हो तो फिर इसका कोई महत्व नहीं रह जाता है. मैं सिर्फ आधे रास्ते तक ही सफर कर सकता था आधा रास्ता उसे तय करना था.' अली फज़ल की माँ के निधन से दुखी हैं ऋचा चड्ढा इस एक्टर को लगता है नेपोटिज्म पर नहीं, पक्षपात पर होनी चाहिए बात झड़ रहे हैं तापसी पन्नू के बाल, शेयर किया पोस्ट