प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण के काम में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. उन्होंने इस कार्य के लिए 20 अक्टूबर को पांच पुनर्निर्माण योजनाओं का शिलान्यास भी किया था. मोदी अब यह चाहते है कि ये निर्माणकार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसी क्रम में पीएम मोदी केदारनाथ धाम से करीब तीन किलोमीटर दूर अपनी तपोभूमि गरुड़चट्टी का भी उद्धार करना चाहते हैं. आपको बता दें कि साल 2013 में आयी उत्तराखंड आपदा के बाद से ही गरुड़चट्टी केदारनाथ से पूरी तरह कट गया था. प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश के बाद इस जगह को वापस जोड़ने के लिए रेलवे की एक टीम शुक्रवार को उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों के साथ वहां पहुँच गयी है. टीम ने गरुड़चट्टी को केदारनाथ से जोड़ने के लिए पुल बनाने का प्रारूप तैयार किया है. गौरतलब है कि, शुक्रवार को अपने मसूरी दौरे के दौरान मोदी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंन्द्र सिंह रावत और आला अफसरों के साथ केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्य की समीक्षा भी करेंगे. वहीं इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम से जुड़ी एक वेबसाइट का भी अनावरण करेंगे. केदारनाथ धाम को लेकर पीएम मोदी की ऐसी आस्था को देखते हुए ये कहा जा रहा है कि, 1985 से 1990 के बीच में मोदी ने गरुड़चट्टी में जीवन के बहुमूल्य वर्षों को बिताया था. इस दौरान उन्होंने गरुड़चट्टी में तपस्या भी की थी. ये भी कहा जा रहा है कि इस दौरान मोदी हर रोज नंगे पाँव 3 किलोमीटर चल कर केदारनाथ में जल चढ़ाने जाया करते थे. पुरातत्व विभाग ने भेजा जेल खाली करने का नोटिस भूकंप के झटके ने हिमाचल को हिलाया यूपी: कानून व्यवस्था पर खनन माफिया भारी 14 दिसम्बर को आएँगे एक्जिट पोल के नतीजे