इस वर्ष नरक चतुर्दशी 11 और 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी। यह प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर पड़ती है। इसे दिवाली से एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन पश्चात् मनाया जाता है। कहीं कहीं इसे रूप चौदस, नरक चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। सनातन धर्म में नरक चतुर्दशी का खास महत्व है। इसको लेकर कई मान्यताएं भी हैं, जो इसे खास बनाती है। 14 दीपक जलाए:- इस दिन 14 दीये जलाने का बहुत महत्व है। आप इन दियों को निम्नलिखित जगहों पर रखे दें- पहला दीया रात में घर से बाहर दक्षिण की तरफ मुख कर कूड़े के ढेर के पास रखा जाता है। दूसरा दीये को आप सुनसान देवालय में रख दें। ध्यान रहें इसे घी से जलाए। ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति प्राप्त हो सकती है। तीसरे दीये को मां लक्ष्मी के समक्ष जलाए तथा चौधा दीया माता तुलसी के समक्ष जलाते हैं। ध्यान रहें इस के चलते पांचवां दीया घर के दरवाजे के बाहर जलाता है और छठा पीपल के पेड़ के नीचे। आप सातवां दीया किसी मंदिर में जलाए। वहीं आठवां दीया घर में जहां कूड़ा रखा जाता है उस जगह पर जलाए। नौवां दीया घर के बाथरूम में जलाए तथा दसवां दीया घर की छत की मुंडेर पर। ग्यारहवां दीया घर की छत और बारहवां दीया खिड़की के पास जलाए। तेरहवें दिये को बरामदे में जलाकर रख दें। चौदहवां दीया रसोई में जलाए। नरक चतुर्दशी के दिन जरूर करें ये काम आखिर क्यों मनाई जाती है धनतेरस? यहाँ जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा धनतेरस के दिन करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, हो जाएंगे धनवान