आधुनिक समय में हर तरफ तकनीक ने जगह बना ली है. घर बनाने में भी अब तकनीकका उपयोग मिलता है.इस समय के घरो में लोग स्टडी रूम का निर्माण करवाते हैं. यहा लोग पढ़ाई या ऑफिस से जुड़े कार्य करते हैं। वास्तु शास्त्र के नज़र से घर का यह कोना बुद्धि से संबंधन रखता है. इस स्थान पर वास्तु का अधिक ध्यानदेना चाहिए स्टडी रूम का वास्तु यदि उत्तम हो तो इस घर के बच्चे पढ़ाई में सफलता हासिल करते हैं और इसका भाग्योदय होता है. जानिए कि स्टडी रूम में आपको किन वास्तु उपाय का ध्यान रखना चाहिए। स्टडी रूम के लिए वास्तु टिप्स वास्तु शास्त्र के मुताबिक स्टडी रूम को हमेशा घर के उत्तर पूर्व दिशा स्थान देना चाहिए. ऐसा मुमकिन न हो तो पूर्व दिशा या उत्तर दिशा में भी निर्माण कर सकते है,पर दक्षिण दिशा में स्टडी रूम बनान की सलाह नहीं दी जाती है पढ़ाई के वक़्त आपका सहारा उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए करने से बच्चों का दिमाग का विकास होने लगता है और बच्चो की याददाश्त मज़बूत हो जाती है। स्टडी रूम में बच्चो की चेयर के पीछे दीवार नहीं रखना चाहिए यह स्थान खली रहना चाहिए अध्ययन कक्ष के लिए शांत और उजागर रंगों का प्रयोग होना चाहिए . यह रुम में पीले नीले और हरे शांत रंगों का उपयोग में लाए। ऐसा करने से मन शांत रहता है और पढाई में मन लगा रहता है। जिस रूम में पढाई की जाती है उस रूम में रौशनी और साफ हवा का संचारहोना आवश्यक होता है। यह स्वास्थ्य ठीक रखता है और मन भी नियंत्रण रखता है। पढ़ाई की टेबल पर काम आने वाली वस्तुए ही होनी चाहिए। अनावश्यक वस्तुए नहीं होनी चाहिए ,ऐसा करने से पढ़ाई के वक़्त मन विचलित हो सकता है. ब्रह्म मुहूर्त का वक़्त पढ़ने के लिए सबसे उत्तम होता है सूरज निकलने से पहले सुबह 4.30 बजे से सुबह 10 बजे तक पढ़ाई करना लाभकारी मन जाता है.रात को ज्यादा समय तक पढ़ना स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव दाल सकता है। घर में उलझी है बिजली की तारे तो आएगी नकारात्मकता, जानिए क्या कहता है वास्तु? यह कारण ला सकते है घर में दरिद्रता, वास्तु शास्त्र क्या कहता जानिए घर की सीढ़ियाँ आग्नेय कोण में है तो पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव, वास्तु शास्त्र क्या कहता है जानिए