घर के मुख्य द्वार को वास्तुशास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे घर की ऊर्जा का केंद्र मानते हुए इसे स्वच्छ और शुभ चिह्नों से सजाना चाहिए। ये चिह्न और वस्तुएं न केवल सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं बल्कि घर में धन और समृद्धि को भी बढ़ावा देती हैं। यहां हम कुछ महत्वपूर्ण चिह्नों और वस्तुओं के बारे में चर्चा करेंगे जो घर के मुख्य द्वार पर लगाने से लाभकारी हो सकते हैं। स्वास्तिक चिह्न: स्वास्तिक चिह्न हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे पूजा, धार्मिक अनुष्ठानों और शुभ कार्यों में प्रयोग किया जाता है। घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक चिह्न बनाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। घोड़े की नाल: वास्तु के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर घोड़े की नाल लगाना भी शुभ होता है। इसे शुभता और भाग्य का प्रतीक माना जाता है। यह विश्वास किया जाता है कि घोड़े की नाल घर में गुड लक लाती है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। शुभ-लाभ: हिंदू धर्म में शुभ-लाभ को माता लक्ष्मी और भगवान गणपति का प्रतीक माना जाता है। इसे घर के दाएं और बाएं लाल चंदन से बनाना लाभकारी माना जाता है। शुभ-लाभ से घर में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि होती है। तोरण: आम के पत्तों से बनी तोरण को घर के मुख्य द्वार पर लगाना भी शुभ माना जाता है। इसे द्वार पर लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और बुरी नजर से बचाव होता है। तोरण घर में सुख और समृद्धि लाने का प्रतीक है। तुलसी का पौधा: तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है और इसे माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है। मुख्य द्वार पर तुलसी का पौधा लगाने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है। सूर्य यंत्र: भगवान सूर्य नारायण का यंत्र घर के मुख्य द्वार पर लगाना बहुत शुभ माना जाता है। यह यंत्र घर को बुरी नजर से बचाने और सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने में सहायक होता है। इन चिह्नों और वस्तुओं को घर के मुख्य द्वार पर सजाने से न केवल सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, बल्कि घर में सुख, समृद्धि और शांति भी बनी रहती है। पितृपक्ष से पहले आपको मिल रहे हैं ये संकेत, तो समझ जाइए पितृ हैं अतृप्त आखिर क्यों रात के समय नहीं करते हैं अंतिम संस्कार? यहाँ जानिए इस साल कब है संतान सप्तमी? यहाँ जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि