चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 22 मार्च 2023 से आरम्भ हो रहा है एवं 30 मार्च को इनका समापन होगा. नवरात्रि के साथ ही 22 मार्च से हिंदू नववर्ष नव संवत्सर 2080 भी आरम्भ होगा. नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-उपासना की जाती है. प्रत्येक वर्ष नवरात्रि पर माता रानी का आगमन विशेष वाहन पर होता है, जिसकी विशेष अहमियत होती है. वहीं, नवरात्रि में वास्तु का ध्यान रखना भी बेहद आवश्यक माना जाता है. आइए जानते हैं कि वास्तु के मुताबिक, माता की प्रतिमा और माता का मंदिर कैसे तैयार किया जाए. 1- मूर्ति की स्थापना- नवरात्रि में माता की प्रतिमा या कलश की स्थापना हमेशा ईशान कोण मतलब उत्तर-पूर्व दिशा में ही करनी चाहिए. इस दिशा में देवताओं का वास होता है. वहीं, अखंड ज्योति की स्थापना आग्नेय कोण में ही करनी चाहिए. माता की प्रतिमा ईशान कोण में स्थापित इसलिए करनी चाहिए क्योंकि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. तथा घर माता का वास होता है. 2- मुख्य द्वार:- नवरात्रि के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह लगाना चाहिए, उससे घर में सकारात्मक ऊर्जा रहती है. साथ ही घर के मुख्य द्वार को आम के पत्तों से सजाना चाहिए. जिससे घर खूबसूरत लगता है तथा घर में शुभता बनी रहती है. 3- चंदन की चौकी:- माता की प्रतिमा को लकड़ी के पाटे पर ही रखें. यदि चन्दन की चौकी हो, तो ओर भी अच्छा रहेगा. 4- काला रंग:- ऐसा कहा जाता है कि किसी भी शुभ समय में काले रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए. नवरात्रि के पूजा पाठ में भी काले रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए. 5- इन रंगों का करें प्रयोग:- नवरात्रि में पीले और लाल रंग का उपयोग करना चाहिए. 6- कपूर की आरती:- नवरात्रि में शाम होने के बाद कपूर जला कर देवी मां की आरती अवश्य करनी चाहिए. इससे घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है तथा घर में देवी लक्ष्‍मी का आगमन होता है. 7- नींबू के सेवन से बचें:- नवरात्रि के चलते नींबू के प्रयोग से बचना चाहिए. नवरात्रि के चलते घर में खट्टी चीजों का प्रयोग कम करना चाहिए. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है तथा मन भी अशांत रहता है. 8- गोबर का प्रयोग:- नवरात्रि के चलते घर के आंगन को गोबर से लीपना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हो पा रहा है तो घर के आंगन में 7 कंडे टांग देने चाहिए. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का आएगी एवं देवी लक्ष्‍मी का घर में वास होगा. आखिर क्यों एकादशी के दिन नहीं खाया जाता है चावल? आज करें भगवान विष्णु के इन प्रभावी मंत्र का जाप, बरसेंगी कृपा आज बन रहा है श्रीहरि-शनि देव की पूजा का संयोग, ऐसे करें उपासना