पटना: भाजपा को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए पटना में बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में ‘तू-तू मैं-मैं’ भी देखने को मिली। इस दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के प्रमुख उमर अब्दुल्ला और दिल्ली के सीएम तथा आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल में बहस हो गई। इस दौरान NCP प्रमुख शरद पवार और उद्धव ठाकरे को बीच-बचाव करना पड़ा। दरअसल, एक रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी एकजुटता बैठक के दौरान AAP ने कांग्रेस पर बड़ा इल्जाम लगाया। दरअसल, AAP ने भाजपा सरकार की तरफ से लाए गए दिल्ली सरकार सेवा अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी पार्टियों से समर्थन माँगा था। इस दौरान कुछ दलों ने उन्हें समर्थन देने पर सहमति भी जताई। हालाँकि, इस दौरान AAP सुप्रीमो केजरीवाल ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस में समझौता है कि जब दिल्ली सेवा अध्यादेश संसद में पेश किया जाएगा, तो कांग्रेस सदन से वॉकआउट कर जाएगी। केजरीवाल ने कहा कि AAP इस अध्यादेश का विरोध कर रही है और सभी विपक्षी पार्टियों को AAP का समर्थन करना चाहिए। वहीं, जब बैठक में केजरीवाल ये बातें कर रहे थे, तो NC नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने उन्हें टोका। अब्दुल्ला ने कहा कि जब कश्मीर से अनुच्छेद 370 रद्द किया गया था, उस समय तो आपकी पार्टी ने हमारा समर्थन नहीं किया था और संसद में सरकार का पक्ष लिया था। केजरीवाल और अब्दुल्ला में विवाद बढ़ता, इससे पहले ही NCP चीफ शरद पवार और उद्धव ठाकरे बीच बचाव करने आ गए। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों को आपसी मतभेद दूर कर एक साथ आना होगा, तभी भाजपा को हराया जा सकेगा। कांग्रेस के साथ APP की तकरार को लेकर NCP चीफ पवार ने कहा कि, 'हम बीते 25 वर्षों से एक-दूसरे की आलोचना कर रहे थे, मगर अब हमने हर मतभेद को एक तरफ रख दिया है और एक साथ काम कर रहे हैं।' वहीं, ठाकरे ने कहा कि, 'अब वक़्त आ गया है कि हम मतभेद भुलाकर एक साथ आएँ।' हालाँकि, पवार-उद्धव की समझाइश के बावजूद केजरीवाल की कटुता खत्म नहीं हुई। विपक्षी दलों की बैठक खत्म होने के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान नहीं गए और सीधे दिल्ली चले आए। यही नहीं, विपक्ष की बैठक समाप्त होने के कुछ देर बाद AAP ने कांग्रेस को धमकी भी दे दी। AAP ने कहा कि यदि कांग्रेस राज्यसभा में दिल्ली अध्यादेश को रोकने में साथ नहीं देती हैं, तो AAP किसी भी कांग्रेस युक्त गठबंधन से दूर रहेगी। उधर, बैठक के दौरान बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) ने भी कांग्रेस को तेवर दिखा दिए। TMC सुप्रीमो और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा TMC को चोरों की पार्टी कहने और उसके खिलाफ धरना देने का मामला उठाया और इस पर आपत्ति जताई। बता दें कि, इससे पहले भी ममता बनर्जी यह स्पष्ट कर चुकी हैं कि, कांग्रेस को यदि TMC का साथ चाहिए, तो उसे लेफ्ट पार्टी यानी CPM का साथ छोड़ना होगा। जबकि, CPM भी विपक्ष गठबंधन का हिस्सा है और उसके नेता सीताराम येचुरी बैठक में शामिल भी हुए थे। ऐसे में ये देखने लायक होगा कि, अपनी-अपनी शर्तों और मांगों के साथ विपक्षी दलों में एकता कैसे स्थापित होती है ? H1B वीजा को लेकर पीएम मोदी ने किया बड़ा ऐलान, ख़ुशी से झूम उठे अमेरिकी भारतीय, जमकर बजी तालियां जन-गण-मन गाने के बाद अमेरिकी सिंगर मैरी ने छुए पीएम मोदी के पैर, वंदे मातरम के उद्घोष से गूंजा हॉल अब पेट्रोल-डीजल-CNG की नहीं रही दरकार, अगस्त महीने में आ रही है इस ईंधन से चलने वाली कार ! गडकरी ने दी जानकारी