नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आज शुक्रवार को स्वाति मालीवाल कथित मारपीट मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार को जमानत देने से इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ ने जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसी आशंका है कि बिभव कुमार बाहर निकलने के बाद गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। 10 जुलाई 2024 को सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल कोर्ट में मौजूद थीं और उन्होंने कहा कि "मेरे PA ने न केवल मेरे साथ क्रूरता से मारपीट की, बल्कि बाद में मुख्यमंत्री खुद उन्हें बचाने के लिए सड़क पर आ गए। दिल्ली के मंत्रियों ने कई प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मेरे खिलाफ दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाए। मुझे शर्मिंदा किया गया। मेरी और मेरे परिवार की जान को खतरा है। मैं एक रिश्तेदार की कार में मेडिकल कराने गई थी और उस कार का विवरण भी सार्वजनिक कर दिया गया। कृपया मुझे न्याय दिलाएं।" दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय जैन ने बिभव कुमार की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया और कहा कि वे 16 जुलाई को मामले में आरोपपत्र दाखिल करेंगे। संजय जैन ने कहा कि, "बिभव कुमार एक बेहद प्रभावशाली व्यक्ति थे। सरकारी अधिकारी के पद से बर्खास्त होने के बावजूद, उन्हें संयुक्त सचिव के बराबर वेतन मिल रहा था। इससे पता चलता है कि बिभव कितने प्रभावशाली हैं और उनके पास कितनी ताकत है। उनके पास बहुत अधिक ताकत है। इतनी ताकत होने के कारण, उनके पास गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की प्रवृत्ति है।" नहीं अपना रही थी इस्लाम, इसलिए लड़की का गला काटकर नाले में फेंका..! आरोपी शोएब अख्तर को जमानत देने से HC का इंकार इस्लामिक स्टेट के दो आतंकियों के खिलाफ NIA की चार्जसीट, भारत में हमले करके भागने वाले थे अफगानिस्तान क्या निकला था जब 1985 में खोला गया था जगन्नाथ मंदिर का खज़ाना, अब 39 वर्ष बाद फिर खुलेगा महाप्रभु का भंडार