नई दिल्ली: दिल्ली सरकार यानी आम आदमी पार्टी को अगले महीने भले ही तीन साल पूरे होने जा रहे हो लेकिन उसकी नगह इस वक्त 2020 के विधानसभा चुनाव पर टीकी हुई है. लेकिन फिलहाल एक रिपोर्ट ने आम आदमी पार्टी के लिए मुसीबते खड़ी कर दी है. गौरतलब है कि आप पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करते हुए पहले ही विधायक पद से हटा दिया गया है, जिसपर पार्टी ने आरोप लगाया था कि उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया. जिसके बाद से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली की जनता के दिल से केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के प्रति सहानुभूति ख़त्म हो रही है. सूत्रों के अनुसार यह पहला मौका होगा जब आम आदमी पार्टी के किसी विवाद में जनता उसके साथ नहीं है और इसका कारण उन्ही 20 विधायकों को बताया जा रहा है, जिन्हे अयोग्य घोषित किया गया था और आप के लिए उपचुनाव की समस्या खड़ी हो गई थी. माना जा रहा है कि आप पार्टी उपचुनाव से बचने के रस्ते खोज रही है, क्योंकि वो जानती है कि अगर वो उपचुनाव में हार जाते हैं तो इसका सीधा असर दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा. विशेषज्ञों की माने तो केजरीवाल के लिए सबसे बड़ी समस्या उनके नेताओं पर लग रहे आरोप हैं, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हो रही है, और इस जनता इस बार बिजली पानी पर सब्सिडी मिलने से मानने वाली नहीं है. क्या मोदी सरकार साल के अंत में कराएगी लोक सभा चुनाव ? बड़ी खबर : बीजेपी ने चुनाव आयोग से कांग्रेस का चुनाव चिन्ह बदले की मांग की मध्यावधि चुनाव नहीं चाहता राजद