तिरुवनंतपुरम। केरल में भारी बारिश की वजह से आयी भीषण बाढ़ त्रासदी को अब केंद्र सरकार ने " गंभीर प्राकृतिक आपदा" घोषित कर दिया है। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन व राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अपने एक बयान में कहा है कि केरल में बाढ़ की गंभीर त्रासदी और उससे हुए नुकसान को देखते हुए भारत सरकार ने इसे गंभीर प्राकृतिक आपदा घोषित करने का निर्णय लिया है। केरल बाढ़ के तीन अनजाने मददगार, जिन्होंने क़ायम की मिसाल गौरतलब है कि जब किसी आपदा को दुर्लभ या गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित किया जाता है तो राज्य सरकार को आपदा से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मदद दी जाती है। राज्य में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अब तक करीब 3757 मेडिकल कैंप लगाए जा चुके है जिसमें 90 किस्म की दवाइयां भेजी जा रही हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने 100 मीट्रिक टन अन्न भी भिजवाने वाली है। केरल बाढ़: पीड़ितों के लिए फरिश्ता बने राजकुमार आपको बता बता दें कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रहे थे परन्तु केंद्र सरकार का कहना है कि किसी भी आपदा को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने का कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है इसलिए इसे गंभीर प्राकृतिक आपदा घोसित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि केरल में भीषण बाढ़ की वजह से अब तक 370 से ज्यादा लोगों को मौत हो चुकी है और तीन लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए है। ख़बरें और भी केरल बाढ़: अमेरिका के एक एनजीओ ने पीड़ितों के लिए एकत्रित किए 10 हज़ार डॉलर केरल बाढ़ : आखिर क्यों एक कागज के लिए फंदे पर झूल गया देश का भविष्य ? केेरल के लोगों की मदद के लिए आगे आया 'बाहुबली'