तिरुवनंतपुरम: केरल के उत्तरी हिस्से में गुरुवार को भारी बारिश हुई। भारी बारिश को देखते हुए वायनाड और इडुकी जिलों के लिए 'रेड अलर्ट' जारी कर दिया गया है। वहीं, चेलियार नदी के उफान पर होने की वजह से नीलांबुर शहर में बाढ़ आ गई है। भारत मौसम विभाग (IMD) ने अपने बुलेटिन में कहा कि सात अगस्त को बारिश को देखते हुए मलप्पुरम जिले के लिए 'रेड अलर्ट' जारी कर दिया गया है। एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड समेत नौ जिलों में नौ अगस्त तक के लिए आरेंज चेतावनी जारी की गई है। मलप्पुरम जिला प्रशासन ने जिले में नौ शिविर खोले हैं, जबकि केवल नीलांबुर में ही सात शिविर शुरू किए गए हैं। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मीडिया को बताया कि, "हमने नीलांबुर में सात और मलप्पुरम में नौ शिविर खोले हैं। उन सात शिविरों में कुल 410 लोग मौजूद हैं। मलप्पुरम के अलग अलग शिविरों में कम से कम 425 लोग मौजूद हैं। इस बीच, वायनाड जिला प्रशासन ने 12 शिविर खोले हैं, जिनमें लगभग 560 लोग हैं। वायनाड की जिला कलेक्टर डॉ अदिला अब्दुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "निषिद्ध क्षेत्रों के लोगों को अलग रखा गया है।" वायनाड के मंतव्यादीन में पिछले 24 घंटों में 15 सेमी बारिश दर्ज की गई है और इसके बाद इडुकी के मन्नार में 12 सेमी और मिलादंपरा में 11 सेंटीमीटर बारिश दर्ज हुई है। भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ बारिश से कोझीकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों से भारी नुकसान होने की जानकारी सामने आई है। जून से शुरु हुए मानसून के दौरान केरल में बाढ़, भूस्खलन और पेड़ों के गिरने की वजह से कुल 31 लोगों की मौत हो चुकी है। ग्लेनमार्क लांच करेगा Fabiflu की 400 mg वाली टेबलेट, कोरोना मरीजों के लिए बढ़ाया गया डोज़ RBI के फैसलों से बाजार में बहार, सेंसेक्स 38 हज़ार के पार OLA-UBER और Zomato जैसी कंपनियों के कर्मचारियों को मिलेगी पेंशन ?