इसरो के पूर्व वैज्ञानिक एन. नारायणन को 1.3 करोड़ मुआवजा देगी केरल सरकार, लगा था जासूसी का झूठा आरोप

कोच्ची: केरल सरकार ने 1994 में जासूसी के एक प्रकरण में गलत तरीके से फंसाए गए इसरो के पूर्व वैज्ञानिक एन. नारायणन को सैद्धांतिक रूप से 1.3 करोड़ रुपए मुआवजा देने का फैसला लिया है। नारायणन (77) ने यहां की एक उप अदालत ने एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने अपनी अवैध गिरफ्तारी और परेशान किए जाने के लिए मुआवजा बढ़ाने का अनुरोध किया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केरल सरकार ने पूर्व वैज्ञानिक को 50 लाख रुपए दिए थे और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी नारायणन को 10 लाख रुपए देने की बात कही थी। यह मुआवजा इन राशियों के अतिरिक्त है। सरकारी बयान में कहा गया है कि कैबिनेट की मीटिंग में बृहस्पतिवार को यह निर्णय लिया गया। मीटिंग में यह भी फैसला लिया गया है कि कानून विशेषज्ञों से विचार विमर्श के बाद समझौता करार कोर्ट में पेश किया जाएगा और कोर्ट के निर्देश के अनुरूप आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सरकार ने नारायणन द्वारा उठाए गए मसलों की जांच और मामले को निपटाने की जिम्मेदारी पूर्व मुख्य सचिव के. जयकुमार को दी थी। बयान में कहा गया कि जयकुमार की सिफारिशों पर कैबिनेट ने यह निर्णय लिया। जासूसी का यह मामला देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम से संबंधित है। गोपनीय दस्तावेजों को अन्य देशों को देने से संबंधित है। इसका दोष दो वैज्ञानिकों पर लगाया गया था। बाद में सीबीआई की जांच में पाया गया कि नारायणन के खिलाफ लगाए गए आरोप गलत हैं।

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