केरल। मवेशियों के विक्रय और स्लाटर हाउसेस को बंद करने को लेकर केरल सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने की तैयारी की है। इस मामले में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई ने पीएमओ को पत्र खिलने का संकेत दिया है। इस मामले में यह जानकारी सामने आई है कि जब केंद्र सरकार द्वारा कोई समाधान बताया जाएगा या कोई उत्तर मिलेगा तो फिर ही राज्य सरकार कार्रवाई करेगी। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने केंद्र के निर्णय को किसानों के हित में होने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि मवेशियों को मारने को लेकर राज्य सरकार प्रतिबंध लगाने जा रही है। मगर इससे तो लोगों के रोजगार पर असर होगा। उन्होंने लिखा कि कल मछली के सेवन पर भी रोक लगाई जा सकती है। उस तरह से तो दलितों व किसानों के रोजगार पर असर होगा। इतना ही नहीं यह एक तरह से अल्पसंख्यक हित में भी नज़र नहीं आता है। यदि इस तरह से मांस विक्रय बंद होगा तो लोग काम कैसे करेंगे। मिली जानकारी के अनुसार अब सरकार के नियमों के विरूद्ध स्टूडेंट फेडरेशन आॅफ इंडिया, यूथ विंग केरल द्वारा 200 स्थानों पर बीफ फेस्ट आयोजित किया जा रहा है। मांस विक्रय को प्रतिबंधित किए जाने का तमिलनाडु में भी विरोध हो रहा है वीसीके पार्टी नेता ने सरकार को अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताते हुए इस फैसले को आरएसएस का एजेंडा बताया। गौरतलब है कि पर्यावरण मंत्रालय ने द प्रीवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टु एनिमल्स यरेगुलेशन ऑफ लाइवस्टॉक मार्केट्स नियम 2017 को नोटिस जारी कर दिया है। इसका उद्देश्य मवेशियों को लेकर क्रूरता रोकना और खरीदी बिक्री को रोकना है। दरअसल पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि गाय,सांड़,भैंस,बैल,बछड़े,ऊंट जैसे जानवर इस कैटेगरी में आते हैं। हालांकि ये नियम बाजार के लिए हैं और मवेशियों की व्यक्तिगत तौर पर खरीदी व बिक्री को इसमें स्पष्ट नहीं किया गया है। बहरहाल अब केरल सरकार केंद्र सरकार से यह चर्चा कर सकती है कि राज्य में मांस विक्रय प्रभावित न हो ऐसा प्रयास किया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो उत्तरप्रदेश की तरह यहां भी बड़े पैमाने पर स्लाॅटर हाउस बंद हो सकते हैं। निहलानी ने कहा CM के लिए PM से NOC लेकर आओ...